नई दिल्लीः बिहार में ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) गठबंधन के दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर अनिश्चितता कुछ और समय जारी रहने की संभावना है। इस बीच बिहार चुनाव के बीच लालू यादव परिवार पर संकट के बादल हैं। राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, राजद नेता तेजस्वी यादव और अन्य के खिलाफ आरोप तय किए। अदालत ने आरोपियों के खिलाफ उनकी कथित भूमिका के आधार पर अलग-अलग धाराओं में आरोप तय किए थे।
राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव पर धोखाधड़ी और साजिश रचने के लिए आईपीसी की धारा 420 और 120बी के तहत आरोप लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि वे मुकदमे का सामना करेंगे। अदालत ने अलग-अलग धाराओं के तहत आरोप तय किए हैं। हालाँकि, सभी आरोपियों पर आपराधिक षडयंत्र रचने का आरोप है। लालू ने खुद को निर्दोष बताया है और कहा कि मुकदमे का सामना करेंगे।
यह मामला रांची और पुरी स्थित दो आईआरसीटीसी होटलों के टेंडर में कथित भ्रष्टाचार से संबंधित है। राजद सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साथ सोमवार को राउज़ एवेन्यू कोर्ट पहुँचे। राउज़ एवेन्यू कोर्ट आईआरसीटीसी होटल भ्रष्टाचार मामले और ज़मीन के बदले नौकरी भ्रष्टाचार मामले में बदलाव पर फैसला सुनाया।
यह मामला उस कथित घोटाले से जुड़ा है, जो लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहने के दौरान कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के समय का है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने भूमि के बदले नौकरी घोटाले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने का आग्रह करने वाली उनकी याचिका का विरोध किया।
यह मामला भारतीय रेलवे के मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित पश्चिम मध्य क्षेत्र में ग्रुप-डी की नियुक्तियों से संबंधित है। ये नियुक्तियां 2004 से 2009 के बीच यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान की गई थीं। ये नियुक्तियां कथित तौर पर नौकरी पाने वाले अभ्यर्थियों की ओर से राजद प्रमुख के परिवार या सहयोगियों के नाम पर हस्तांतरित की गई या उन्हें उपहार में दी गई जमीन के बदले की गई थी। यादव और उनकी पत्नी, दो बेटियों, अज्ञात सरकारी अधिकारियों और निजी व्यक्तियों सहित अन्य के खिलाफ 18 मई 2022 को मामला दर्ज किया गया था।