नई दिल्लीः भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) घोटाला मामले में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को कोर्ट ने राहत दी है। दिल्ली की अदालत ने सीबीआई की याचिका पर तेजस्वी यादव की जमानत रद्द करने से इनकार कर दिया है। सुनवाई के लिए तेजस्वी यादव दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट पहुंचे थे।
विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने हालांकि यादव से अधिक सतर्क रहने और शब्दों का चयन सोच-समझकर करने को कहा है। दिल्ली कोर्ट ने तेजस्वी यादव को जिम्मेदार होने और सार्वजनिक रूप से बोलते समय उचित शब्दों का चयन करने के लिए कहा है।
तेजस्वी यादव के वकीलों ने कहा कि मैं विपक्ष में हूं और सरकार के गलत कामों पर सवाल उठाना मेरा कर्तव्य है। सीबीआई और ईडी का वर्तमान सरकार द्वारा दुरुपयोग किया जा रहा है। सभी विपक्षी दल के सदस्यों को ऐसा ही लगता है।
सीबीआई ने हाल में लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती, मध्य रेलवे के पूर्व महाप्रबंधक एस. राघवन, मध्य रेलवे के पूर्व मुख्य कार्मिक अधिकारी (सीपीओ) कमल दीप मैनराई और अन्य के खिलाफ यहां एक विशेष अदालत में एक आरोपपत्र दाखिल किया था।
केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने दावा किया था कि हाल ही में एक संवाददाता सम्मेलन में यादव ने कानून की प्रक्रिया को उलटने का प्रयास किया और पूरी जांच के परिणाम को खारिज कर दिया। जांच एजेंसी ने दावा किया कि तेजस्वी ने ‘‘ उन्हें दी गई स्वतंत्रता का खुले तौर पर दुरुपयोग किया।’’
वहीं यादव ने दलील दी कि उन्होंने पहले दी गई जमानत में निर्धारित किसी भी शर्त का उल्लंघन नहीं किया है। यादव के वकील ने अदालत से कहा, ‘‘ मैं (यादव) विपक्ष में हूं और गलत काम पर सवाल उठाना मेरा कर्तव्य है। मौजूदा सरकार सीबीआई और ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) का ‘‘दुरुपयोग’’ कर रही है। सभी विपक्षी दलों को ऐसा लगता है।’’
अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाया। अदालत ने कहा कि विस्तृत आदेश बाद में पारित किया जाएगा। आदेश की विस्तृत जानकारी अभी नहीं मिल पाई है। अदालत ने यादव के उनके समक्ष पेश होने के बाद अक्टूबर 2018 में उन्हें मामले में जमानत दे दी थी। मामला आईआरसीटीसी के दो होटल का संचालन ठेका एक निजी कंपनी को देने में कथित अनियमितता से जुड़ा है।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने रेलवे में ‘नौकरी के बदले जमीन’ घोटाला के सिलसिले में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के निजी सचिव को बुधवार को पूछताछ के लिए बुलाया है। यह कथित घोटाला राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री के पद पर रहने के दौरान हुआ था।
अधिकारियों ने बताया कि तेजस्वी के निजी सचिव संजय यादव से शनिवार को पूछताछ की गई थी। उन्होंने बताया कि उन्हें (संजय को) फिर से पूछताछ के लिए सोमवार को बुलाया गया था, लेकिन वह उपस्थित नहीं हुए। एजेंसी ने उन्हें पूछताछ के लिए अब बुधवार को अपने समक्ष उपस्थित होने को कहा है।
संजय ने 2015 में भी तेजस्वी के उपमुख्यमंत्री रहने के दौरान उनके निजी सचिव के तौर पर सेवा दी थी। अधिकारियों ने बताया कि संजय को पूर्व में भी तलब किया गया था, लेकिन उन्होंने सीबीआई की नोटिस को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।