आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम को राहत नहीं मिली है। बुधवार (13 नवंबर) को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने पी चिदंबरम की न्यायिक हिरासत 27 नवंबर तक बढ़ा दी है। अदालत में चिदंबरम की पेशी विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुई है। इस मामले में उनकी न्यायिक हिरासत बुधवार को ही समाप्त हो रही थी।
इधर, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पी चिदंबरम की जमानत याचिका का बीते शुक्रवार को जोरदार विरोध किया थी और दलील दी कि वह गवाहों को प्रभावित करने तथा धमकी देने की कोशिश कर सकते हैं। ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने दिल्ली हाईकोर्ट में दलील दी थी कि धन शोधन मामले में और सीबीआई के मामले में अलग-अलग साक्ष्य हैं तथा पीएमएलए (धन शोधन रोकथाम कानून) मामला कहीं अधिक गंभीर है और कहीं अधिक जघन्य है।
मेहता ने कहा था कि यह एक आर्थिक अपराध है, जो कि अलग है। न्यायमूर्ति सुरेश कैत ने ईडी के वकील और चिदंबरम की दलीलें सुनी तथा जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया।
चिदंबरम ईडी के धन शोधन मामले में न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में हैं। ईडी ने उन्हें 16 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। उन्हें सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में 21 अगस्त को गिरफ्तार किया था।
यह मामला 15 मई 2017 को दर्ज किया गया। यह मामला चिदंबरम के वित्त मंत्री रहते हुए 2007 में विदेशों से 305 करोड़ रुपये की निधि हासिल करने के लिए आईएनएक्स मीडिया समूह को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी देने में कथित अनियमितिताओं से जुड़ा है।