लाइव न्यूज़ :

तीन तलाक कानून इंसाफ करने की जगह मुस्लिम महिलाओं का भविष्य अंधकारमय बनाएगा: मौलाना मदनी

By भाषा | Updated: August 1, 2019 05:34 IST

जमीयत ने आरोप लगाया कि सरकार ने ‘हठधर्मी’ का रवैया अपना कर इंसाफ और जनमत की राय को रौंदा है। यह मुसलमानों पर समान नागरिक संहिता को थोपने की कोशिश है। मुस्लिम वीमेंस फोरम ने भी विधेयक का विरोध करते हुए इसे महिला विरोधी बताया तथा इल्ज़ाम लगाया कि यह मुस्लिम महिला को सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने में नाकाम है।

Open in App

देश के प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने तीन तलाक संबंधी विधेयक के संसद से पारित होने के बाद बुधवार को कहा कि यह मुस्लिम महिलाओं के साथ इंसाफ नहीं करेगा, बल्कि उनका भविष्य अंधकार में धकेल देगा।

जमीयत ने आरोप लगाया कि सरकार ने ‘हठधर्मी’ का रवैया अपना कर इंसाफ और जनमत की राय को रौंदा है। यह मुसलमानों पर समान नागरिक संहिता को थोपने की कोशिश है। मुस्लिम वीमेंस फोरम ने भी विधेयक का विरोध करते हुए इसे महिला विरोधी बताया तथा इल्ज़ाम लगाया कि यह मुस्लिम महिला को सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने में नाकाम है।

जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने कहा, ‘‘हम मानते हैं कि इस विधेयक के जरिए मुसलमानों पर किसी न किसी तरह से समान नागरिक संहिता थोपने का प्रयास किया जा रहा है और इसका उद्देश्य मुस्लिम महिलाओं के साथ इंसाफ करने की जगह मुसलमानों को धार्मिक स्वतंत्रता से वंचित करना है।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि ‘‘ जिन लोगों के लिये यह विधेयक लाया गया है, उनके प्रतिनिधियों, धार्मिक चिंतकों, शरीयत कानून के विशेषज्ञों और मुस्लिम संगठनों से कोई सुझाव नहीं लिया गया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस विधेयक से मुस्लिम तलाकशुदा महिला के साथ इंसाफ नहीं होगा, बल्कि अन्याय की आशंका है। इससे के जरिए पीड़ित महिला का भविष्य अंधकार में चला जाएगा और उसके लिए दोबारा निकाह और नई ज़िन्दगी शुरू करने का रास्ता बिल्कुल ख़त्म हो जायेगा।’’

मदनी ने कहा, ‘‘सरकार, हठधर्मी का रवैया अपनाते हुए इंसाफ और जनमत की राय को रौंदने पर आमादा नज़र आती है, जो किसी भी लोकतंत्र के लिए शर्मनाक है। ’’ वहीं, मुस्लिम वीमेंस फोरम की सैयदा हामिद ने कहा कि मुस्लिम पुरुष पहले से ही भीड़ की हिंसा का शिकार हैं और विधेयक उनकी मुसीबत को और बढ़ाएगा।

उन्होंने कहा कि सरकार ने मुस्लिम महिलाओं की इच्छाओं को अनसुना कर दिया है और यह विधेयक मुस्लिम महिलाओं को सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने में विफल है। हामिद ने इस पर दुख जताया कि विपक्ष कुछ अपवादों को छोड़ अपनी भूमिका निभाने में नाकाम रहा है।

मदनी ने कहा, ‘‘जमीयत सभी मुसलमानों से अपील करती है कि वे विशेषकर तलाक ए बिद्दत’ (एक बार में तीन तलाक देना) से पूरी तरह बचें और शरीयत के हुक्म के मुताबिक निकाह-तलाक और अन्य पारिवारिक मामलों को तय करें।’’ 

टॅग्स :तीन तलाक
Open in App

संबंधित खबरें

क्राइम अलर्टJaunpur Woman Raped: एक रात, देवर-भाभी हुए फिजिकल, तीन तलाक, हलाला के बाद पति ने स्वीकार नहीं किया

भारतTriple Talaq On Whatsapp: पहली पत्नी पहुंची कोर्ट, पति ने व्हाट्सएप पर दिया 'तलाक तलाक तलाक', पुलिस ने किया गिरफ्तार

क्राइम अलर्टमेरठ: शादी के बाद पत्नी होने लगी मोटी तो पति ने दिया तीन तलाक, घर से भी किया बेदखल

भारतबिहार: दहेज नहीं मिलने पर पति ने वीडियो कॉल कर दे दिया तीन तलाक, मामले की जांच में जुटी पुलिस

राजनीतितीन तलाक कुप्रथा को खत्म कर ‘समाज सुधारक’ के रूप में भी उभरे प्रधानमंत्री मोदी: BJP प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत