हैदराबाद: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मुसलामनों को सलाह देते हुए कहा है कि मस्जिद के ऊपर हाई रेजोल्यूशन हाई रेजोल्यूशन सीसीटीवी कैमरे लगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब भी कोई जुलूस निकले तो उसे फेसबुक पर लाइव करें, ताकि दुनिया को मालूम हो सके कि पत्थर किसने फेंका है।
इस संबंध में उन्होंने अपने एक भाषणा का वीडियो ट्विटर पर शेयर किया है। जिसमें उन्होंने लिखा, मस्जिद के ऊपर हाई रेजोल्यूशन सीसीटीवी कैमरे लगाइये और जब भी कोई जुलूस निकले तो उसे फेसबुक पर लाइव करें, ताकि दुनिया को मालूम हो सके कि पत्थर किसने फेंका। वे इस वीडियो में कहते हुए नजर आ रहे हैं कि कैमरे का कोई मजहब नहीं होता है। इससे पता चलेगा कि पत्थर कौन चलाता है।
वहीं शनिवार ओवैसी ने न्यूज एजेंसी एनएनआई से बातचीत करने के दौरान यूपी में ज्ञानवापी मस्जिद में हो रही वीडियोग्राफी को लेकर केंद्र और यूपी सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार और यूपी सरकार को कोर्ट को बताना चाहिए था कि संसद ने पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 पारित किया है। इसमें कहा गया है कि कोई भी धार्मिक स्थल, जैसा कि 15 अगस्त 1947 को अस्तित्व में था, उसे भंग नहीं किया जाएगा।
उन्होंने बीजेपी से पूछा है कि पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 को स्वीकार करते हैं? उन्होंने कहा कि यह भाजपा और संघ है जो इस मामले पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। वे 90 के दशक में नफरत के युग को फिर से जगाने की कोशिश कर रहे हैं।