भारतीय नौसेना के बेड़े में आज आईएनएस विशाखापत्तनम को शामिल किया है। इससे समुद्र में नौसेना की ताकत बढ़ेगी। खास बात ये कि इसे आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत 75 फीसदी स्वदेशी उपकरणों से निर्मित किया गया है। हालांकि आज कमीशनिंग होने के बावजूद नौसेना इसका कुछ और परीक्षण जारी रखेंगी। आईएनएस विशाखापत्तनम की कमिशनिंग समारोह में देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह स्वयं पहुंचे।
INS विशाखापत्तनम इन स्वेदशी हथियारों से लैस है: -
बीईएल की मीडियम रेंज सर्फेस टू एयर मिसाइल (एमआरसैम)सतह से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस एलएंडटी कंपनी के टोरपीडो ट्यूब लॉन्चरएलएंडटी के ही एंटी सबमरीन रॉकेट लॉन्चर बीएचईएल की 76एमएम सुपर रैपिड गन
सबसे शक्तिशाली युद्धपोतों में से एक है INS विशाखापत्तनम
यह युद्धपोत सबसे शक्तिशाली युद्धपोतों में से एक है, जो दुश्मन देशों की नींद उड़ा सकता है। जिसे मझगांव डॉकयार्ड लिमिटेड के द्वारा बनाया गया है। जबकि इसका डिजाइन नौसेना डिजाइन निदेशालय ने किया है।
7400 टन है युद्धपोत का कुल वजन
यह नौसेना के प्रोजेक्ट पी 15 बी का हिस्सा है। यह 163 मीटर लंबा और 17 मीटर चौड़ा युद्धपोत है। इसका कुल वजन 7400 टन है। इसकी अधिकतम रफ्तार 55.56 किलोमीटर प्रतिघंटा है।
दुश्मन सेना के लिए घातक है नौसेना की यह शक्ति
इस युद्ध पोत को चार गैस टर्बाइन इंजन से ताकत मिलती है। जबकि हवाई हमले से बचने के लिए इसे बराक मिसाइल से लैस किया गया है। इस युद्धपोत के इस्तेमाल से दुश्मन सेना का युद्ध विमान, हेलिकॉप्टर, शिप, सबमरीन, ड्रोन को नष्ट किया जा सकता है।