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पाकिस्तान सीमा पर निगरानी बढ़ाएगी भारतीय सेना, ड्रोन रक्षा प्रणाली स्थापित करने पर विचार

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: February 3, 2024 17:05 IST

7 अक्टूबर, 2023 को इज़रायल पर हमला करते समय हमास द्वारा नवीन तरीकों के इस्तेमाल ने दुनिया भर की सुरक्षा एजेंसियों के बीच चिंता बढ़ा दी है। सेना सीमा के कुछ हिस्सों में एक ड्रोन रक्षा प्रणाली स्थापित करने पर विचार कर रही है।

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ठळक मुद्देपाकिस्तान से लगती सीमा पर निगरानी और तगड़ी होगीसीमा के कुछ हिस्सों में एक ड्रोन रक्षा प्रणाली स्थापित करने पर विचार इसकी शुरुआत मई महीने में की जा सकती है

नई दिल्ली: भारतीय सेना आतंकी संगठन हमास के 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर किए गए चौंकाने वाले हमले को ध्यान में रखते हुए पाकिस्तान से लगती सीमा पर निगरानी और तगड़ी करेगी। सेना सीमा के कुछ हिस्सों में एक ड्रोन रक्षा प्रणाली स्थापित करने पर विचार कर रही है। इसकी शुरुआत मई महीने में की जा सकती है। सीमाओं पर हर समय निगरानी रखने का कदम तब उठाया गया है जब पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान के साथ हिमालयी सीमा पर तनाव है। 

भारतीय सेना के एक प्रवक्ता ने न्यूजवीक से बात करते हुए इस संबंध में कहा कि 7 अक्टूबर, 2023 को इज़रायल पर हमला करते समय हमास द्वारा नवीन तरीकों के इस्तेमाल ने दुनिया भर की सुरक्षा एजेंसियों के बीच चिंता बढ़ा दी है। उन्होंने बताया कि पश्चिमी सीमा पार से ऐसे किसी भी दुर्भावनापूर्ण प्रयास को विफल करने के लिए नियंत्रण रेखा और अंतर्राष्ट्रीय सीमा क्षेत्रों पर आवश्यक उपाय किए गए हैं।

बता दें कि पाकिस्तान से लगती नियंत्रण रेखा एक विशाल, लगभग 500 मील की सीमा है जो भारत और पाकिस्तान को विभाजित करती है। भारतीय सेना ने कश्मीर  क्षेत्र में उभरते खतरों से निपटने के लिए उठाए जाने वाले कुछ कदमों की रुपरेखा तैयार की है। इस क्षेत्र में ड्रोन/क्वाडकॉप्टर खतरों का मुकाबला करने के लिए  विशिष्ट  उपकरणों के साथ पर्याप्त सैनिकों को तैनात किया गया है।

बता दें कि भारतीय सेना भयानक सर्दी में भी एलओसी पर डटी है। दरअसल कश्मीर घाटी के ऊंचे इलाकों में भारी बर्फबारी की कमी के कारण सेना परेशान है। भारी बर्फबारी की कमी के कारण सर्दियों के दौरान घुसपैठ के सभी रास्ते खुले रहते हैं और घुसपैठ की कोशिशें होती रहती हैं। इस कारण  सेना ने अपने सैनिकों को एक मजबूत घुसपैठ-रोधी ग्रिड पर तैनात करना जारी रखा है। 

 2023 में जम्मू-कश्मीर में कुल 71 आतंकवादी मारे गए, जिनमें घाटी में 52 शामिल थे। घाटी में स्थिति सामान्य हो रही है लेकिन आतंकवादी समूह  राजौरी-पुंछ बेल्ट में सक्रिय हो रहे हैं। पीर पंजाल रेंज के दक्षिण के इलाकों में आतंकवादी घटनाएं देखी गई हैं। पिछले तीन साल के आधिकारिक आंकड़े भी यही दर्शाते हैं। यही कारण है कि सेना एक ऐसा सिस्टम डेवलप करना चाहती है जिससे सीमा पार करना असंभव हो जाए। 

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