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आने वाले 15 सालों में भारतीय वायुसेना के पास 350 तेजस विमान होंगे, जानिए इनकी खासियत

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: September 18, 2023 15:13 IST

वायुसेना ने पहले जिन 83 LCA मार्क-1A का आॉर्डर दिया था उनकी डिलीवरी साल 2024 में हो सकती है। बता दें कि मौजूदा समय में भी वायुसेना तेजस विमानों का संचालन करती है लेकिन मार्क-1A पहले के वर्जन से ज्यादा एडवांस हैं।

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ठळक मुद्देभारतीय वायुसेना अपने लड़ाकू विमानों के बेड़े को बड़ा और घातक बनाने में जुटी है100 नए लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस मार्क-1ए फाइटर जेट खरीदने की योजनाआने वाले 15 सालों में भारतीय वायुसेना के पास 350 के करीब तेजस विमान होंगे

नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना अपने लड़ाकू विमानों के बेड़े को बड़ा और घातक बनाने में जुटी है। सैन्य रणनीतिकारों का मानना है कि भविष्य में भारत को दोहरे मोर्चे पर सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि वायुसेना को पास आधुनिक तकनीक से लैस लड़ाकू विमानों का बड़ा बेड़ा हो। यही कारण है कि भारतीय वायुसेना 100 नए लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस मार्क-1ए फाइटर जेट के लिए खरीदने के लिए ऑर्डर देने की तैयारी में है।

तेजस मार्क-1ए फाइटर जेट भारतीय वायुसेना को पुराने पड़ चुके मिग सीरीज के विमानों की जगह लेंगे। सोवियत रूस के समय के ये मिग 21, मिग-23 और मिग-27 अब इतने पुराने हो गए हैं कि यु्द्ध के मैदान में इन विमानों पर भरोसा नहीं किया जा सकता। इस सीरीज के मिग 21 विमानों को तो उड़ते ताबूत का उपनाम मिला हुआ। अब तक दर्जनों जांबाज पायलट मिग 21 विमान दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवा चुके हैं। 

वायुसेना पहले भी 83 LCA मार्क-1A एयरक्राफ्ट का ऑर्डर दे चुकी है। LCA मार्क-1A तेजस विमान का एडवांस वर्जन है. इस फाइटर प्लेन में अपग्रेडेड एवियोनिक्स और रडार सिस्टम लगे हुए हैं। अब फिर से 100 विमानों को खरीदने का मतलब है कि भारतीय वायुसेना के पास तेजस विमानों की एक बड़ी स्कवाड्रन होगी। अगर सब कुछ योजना अनुसार चला तो अगले 15 वर्षों में भारतीय वायुसेना के पास 40 एलसीए, 180 से ज्यादा एलसीए मार्क-1A और 120 एलसीए मार्क-2 फाइटर प्लेन होंगे।

वायुसेना ने पहले जिन 83 LCA मार्क-1A का आॉर्डर दिया था उनकी डिलीवरी साल 2024 में हो सकती है। बता दें कि मौजूदा समय में भी वायुसेना तेजस विमानों का संचालन करती है लेकिन  मार्क-1A पहले के वर्जन से ज्यादा एडवांस हैं। इसी तरह एलसीए मार्क-2 विमान पांचवीं पीढी के लड़ाकू विमान होंगे और इनमें अत्याधुनिक तकनीक इस्तेमाल की जाएगी।

तेजस लड़ाकू विमानों को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) बनाती है। भारतीय वायु सेना ने तेजस विमानों की खरीद की फाइल रक्षा मंत्रालय भेज दी है। रक्षा मंत्रालय से बहुत ही जल्द हरी झंडी मिलने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि एक LCA मार्क-1A विमान की कीमत 800 करोड़ होगी। एलसीए मार्क 1ए की खासियत इसकी एविआनिक्स और राडार हैं। इसके अलावा 65 प्रतिशत से अधिक उपकरण इसमें स्वदेशी लगाए गए हैं। LCA मार्क-1A में AESA रडार लगा है जो दुश्मन के विमान को जाम करने में सक्षम है। इसमें बीच हवा में इंधन भी भरा जा सकता है।

आने वाले 15 सालों में भारतीय वायुसेना के पास 350 के करीब तेजस विमान होंगे। राफेल, सुखोई और मिग -29 जैसे अग्रिम पंक्ति के विमानों के साथ मिलकर ये विमान ऐसा खतरनाक संयोजन बनाएंगे जो दुश्मन को तबाह करने में सक्षम होगा।

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