लाइव न्यूज़ :

भारत-पाकिस्तान का बंटवारा कृत्रिम, वहां लोग कहते हैं कि हमसे गलती हो गई - संघ प्रमुख मोहन भागवत

By शिवेंद्र कुमार राय | Updated: April 1, 2023 14:19 IST

अमर शहीद हेमू कलानी के जन्म शताब्दी वर्ष के समापन समारोह में हिस्सा लेने भोपाल आए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि जब दूसरा कुछ नहीं था तब सारी दुनिया में सनातन का प्रभाव था।

Open in App
ठळक मुद्देभारत-पाकिस्तान का विभाजन कृत्रिम है - मोहन भागवतपाकिस्तान में दुख है क्योंकि वह कृत्रिम जीवन में जी रहे हैं - मोहन भागवतपूर्वजों का नाता तोड़कर उनको भुला दिया गया - मोहन भागवत

भोपाल: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार, 31 मार्च को भोपाल में अमर शहीद हेमू कलानी के जन्म शताब्दी वर्ष के समापन समारोह में हिस्सा लिया। यहां संघ प्रमुख ने कहा कि सिंधी समुदाय को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि अपनी भूमि को छोड़कर भारत के साथ रहने के लिए जो आए उन्होंने अपने जीवन को अपने पुरुषार्थ से खड़ा कर दिया। वह आज दुखी नहीं है लेकिन पाकिस्तान में रहने वाले दुखी हैं क्योंकि वह कृत्रिम जीवन में जी रहे हैं। 

भारत-पाकिस्तान के विभाजन पर मोहन भागवत ने कहा,  "भारत-पाकिस्तान का विभाजन कृत्रिम है, यह तो पक्की बात है इसके लिए कोई विवाद नहीं चल सकता क्योंकि वह इतिहास में है। एक व्यक्ति को लाया गया सीमांकन करने के लिए, वह जानता नहीं था और उसके पास केवल 3 महीने थे।"

भागवत ने आगे कहा, "आज हम जिसको पाकिस्तान कहते हैं उसके लोग कह रहे हमसे गलती हो गई। ये गलती हो गई सब कह रहे हैं सब मानते हैं। आप देखिए जो अपनी हठधर्मिता के कारण भारत से अलग हो गए, अपनी संस्कृति से अलग हो गए। पूर्वजों का नाता तोड़कर उनको भुला दिया गया। वहां पर दुख है क्योंकि वह कृत्रिम जीवन में जी रहे हैं।"

विभाजन के समय भारत को चुनने वाले सिंधी समुदाय के बारे में संध प्रमुख ने कहा,  "जब हिंदुस्तान-पाकिस्तान चुनने की बारी आई, आप लोग पराक्रमी लोग हो आप ने भारत को नहीं छोड़ा। आप भारत से भारत में आए , जब आप वहां थे तो वहां भारत था उस भारत को छोड़ने के बजाय आप उस भारत से इस भारत में आए। हमने उस जमीन मतलब पाकिस्तान को शारीरिक दृष्टि से छोड़ दिया लेकिन 1947 के पहले वो क्या था? दुनिया में कोई पूछेगा तो बताना पड़ेगा कि वह भारत था। जब दूसरा कुछ नहीं था तब सारी दुनिया में सनातन का प्रभाव था। उस समय वहां क्या था? वही भारत था, सिंधु संस्कृति थी, वेदों का उच्चारण होता था, भारतीय संस्कृति के त्याग के मूल्यों पर चलने वाला जीवन चलता था।" 

टॅग्स :मोहन भागवतआरएसएसपाकिस्तानभारत
Open in App

संबंधित खबरें

भारत‘पहलगाम से क्रोकस सिटी हॉल तक’: PM मोदी और पुतिन ने मिलकर आतंकवाद, व्यापार और भारत-रूस दोस्ती पर बात की

विश्वपाकिस्तान: सिंध प्रांत में स्कूली छात्राओं पर धर्मांतरण का दबाव बनाने का आरोप, जांच शुरू

भारतPutin India Visit: एयरपोर्ट पर पीएम मोदी ने गले लगाकर किया रूसी राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत, एक ही कार में हुए रवाना, देखें तस्वीरें

बॉलीवुड चुस्कीDhurandhar: फिल्म में दानिश पंडोर निभा रहे हैं उज़ैर बलूच का किरदार, कराची का खूंखार गैंगस्टर जो कटे हुए सिरों से खेलता था फुटबॉल, देखें उसकी हैवानियत

भारतPutin India Visit: पुतिन ने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी, देखें वीडियो

भारत अधिक खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई