India On USAID: भारत ने शुक्रवार को कहा कि देश में कुछ गतिविधियों के लिए ‘यूएसएड’ द्वारा वित्त पोषण किए जाने के बारे में खुलासे ‘बेहद परेशान करने वाले’ हैं और इससे देश के आंतरिक मामलों में विदेशी हस्तक्षेप को लेकर चिंता पैदा हुई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि संबंधित विभाग और अधिकारी कुछ अमेरिकी गतिविधियों और वित्तपोषण के संबंध में अमेरिकी प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी की जांच कर रहे हैं। जायसवाल ने कहा, ‘‘हमने अमेरिकी प्रशासन द्वारा कुछ अमेरिकी गतिविधियों और वित्तपोषण के संबंध में दी गई जानकारी देखी है।
ये स्पष्ट रूप से बहुत परेशान करने वाली हैं।’’ मियामी में बृहस्पतिवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी (यूएसएड) द्वारा दिए गए 2.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर के वित्त पोषण पर सवाल उठाया।
आश्चर्य जताया कि क्या यह किसी और को निर्वाचित कराने का प्रयास था। जायसवाल ने कहा, ‘‘इससे भारत के आंतरिक मामलों में विदेशी हस्तक्षेप की चिंताएं पैदा हुई हैं। संबंधित विभाग और एजेंसियां इस मामले की जांच कर रही हैं। इस समय कोई टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी। संबंधित अधिकारी इसकी जांच कर रहे हैं और उम्मीद है कि हम बाद में इस पर कोई अद्यतन जानकारी दे पाएंगे।’’
यूएसएड के 2.1 करोड़ डॉलर भारत नहीं बल्कि बांग्लादेश के लिए होने संबंधी दावे को भाजपा ने किया खारिज
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को मीडिया में आई उन खबरों को ‘लीपापोती’ बताते हुए खारिज कर दिया, जिनमें दावा किया गया है कि ‘यू.एस. एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट’ (यूएसएड) की ओर से मतदान में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए मंजूर की गई 2.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर की वित्तीय सहायता भारत नहीं बल्कि बांग्लादेश के लिए थी।
भाजपा मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने आरोप लगाया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बयान आने के बाद कुछ अखबारों ने इस मामले पर ‘पर्दा डालना’ शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘जब अमेरिकी राष्ट्रपति ने खुद ही भारत को यूएसएड के वित्तपोषण पर बयान दिया है तो इस बारे में उनसे बेहतर कोई और जानकारी नहीं हो सकती।’’ उन्होंने यूएस डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (डीओईजी) के ‘एक्स’ पर किए गए पोस्ट का भी हवाला दिया।
जिसमें भारत में मतदान के लिए 2.1 करोड़ डॉलर के वित्तपोषण का उल्लेख किया गया है और आरोप लगाया है कि ‘गांधी परिवार के चाटुकार’ भ्रामक दावे करके भ्रम फैला रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि राहुल गांधी में सवालों के जवाब देने की हिम्मत नहीं है, जो साबित करता है कि वह गद्दार हैं... इसलिए गांधी परिवार से संबंध रखने वाले तथाकथित तथ्यों की जांच करने वाले (फैक्ट चेकर्स) सुबह से यह बताने में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं कि भारत का 2.1 करोड़ डॉलर के यूएसएड वित्तपोषण से कोई लेना-देना नहीं है।’’
अमेरिका के मियामी में बृहस्पतिवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत में मतदान में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए ‘यूएसएड’ द्वारा दी गई 2.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर की वित्तीय सहायता पर सवाल उठाया और कहा, ‘‘मुझे लगता है कि वे किसी और को निर्वाचित कराने का प्रयास कर रहे थे।’’
अंग्रेजी दैनिक ‘इंडियन एक्सप्रेस’ ने दावा किया है कि साल 2022 में 2.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर की राशि बांग्लादेश के लिए थी और इसमें से 1.34 करोड़ डॉलर बांग्लादेशी छात्रों के बीच राजनीतिक और नागरिक जुड़ाव और 2024 के आम चुनावों से पहले की परियोजनाओं के लिए खर्च किए जा चुके हैं।
भाजपा प्रवक्ता ने इस मुद्दे पर कांग्रेस पर अपना हमला तेज करते हुए नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को 'गद्दार' करार दिया और उन पर भारत को कमजोर करने के लिए विदेशी ताकतों के साथ सांठगांठ करने का आरोप लगाया। भाटिया ने दावा किया कि यूएसएड का धन भारत में आंतरिक राजनीति में दखल देने और चुनावी राजनीति को बाधित करने के लिए आया था।
उन्होंने कहा, ‘‘पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के दौरान 2004-13 के बीच भारत में 200 करोड़ डॉलर से अधिक का चंदा सरकार के पास आया। और, नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में सिर्फ 15 लाख अमेरिकी डालर आए। ऐसा इसलिए है क्योंकि वे जानते हैं कि नरेन्द्र मोदी किसी भी विदेशी ताकत के हाथों भारत और भारत के हितों को नहीं बेचेंगे।’’
भाटिया ने आरोप लगाया कि यूएसएड फंड का एक बड़ा हिस्सा संप्रग के शासन के दौरान भारत में आया क्योंकि कांग्रेस देश की संप्रभुता और उसके हितों से समझौता कर सकती है। उन्होंने दावा किया, ‘‘सरकार (भारत की) के लिए धन रुक गया, लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले नरेन्द्र मोदी को हराने के प्रयास में और राहुल गांधी को मजबूत करने के लिए राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान एनजीओ के लिए धन में वृद्धि हुई।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का उद्देश्य ‘भारत को तोड़ना’ था।
भाटिया ने राहुल को 'गद्दार' करार देते हुए आरोप लगाया कि लोकसभा में विपक्ष के नेता और उनकी कांग्रेस पार्टी 'संविधान, देश और लोगों से छल' करने में सिर्फ इसलिए लगी हुई हैं क्योंकि वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'मजबूत नेतृत्व' और उनके कार्यकाल के दौरान देश की स्थिरता को बर्दाश्त नहीं कर सकते।