लाइव न्यूज़ :

यूजर्स के लिए कैसे बैन किए जाएंगे चीन के सभी APP, क्या होगा इसका असर, जानें सबकुछ

By गुणातीत ओझा | Updated: June 30, 2020 05:57 IST

भारत-चीन तनाव के बीच केंद्र सरकार ने आईटी एक्ट के तहत 59 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए इन ऐप्स को बैन किया है, जिसमें टिकटॉक, यूसी ब्राउजर जैसे ऐप्स है। भारत में बड़े स्तर पर इन ऐप्स का इस्तेमाल किया जाता है।

Open in App
ठळक मुद्देभारत-चीन तनाव के बीच केंद्र सरकार ने आईटी एक्ट के तहत 59 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया है।सरकार ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए इन ऐप्स को बैन किया है, जिसमें टिकटॉक, यूसी ब्राउजर जैसे ऐप्स है।

Chinese Apps Banned in India: भारत सरकार द्वारा चीन के 59 ऐप पर प्रतिबंध के आदेश के बाद इन ऐप के करोड़ों यूजर्स के मन में जिज्ञासा उठ रही होगी कि आखिर इन सभी ऐप को एक साथ कैसे बैन किया जाएगा। बैन करने के लिए क्या प्रक्रिया अपनाई जाएगी? आपको बता दें कि इन ऐप तक यूजर्स की पहुंच को रोकने के लिए इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स की गाइडलाइंस के बाद बैन का नोटिफिकेशन जारी हो सकता है। यूजर्स के पास जल्द ही एक मैसेज फ्लैस होगा जिसमें इन ऐप के बारे में सूचित किया जाएगा कि सरकार के अनुरोध पर ऐप्स तक पहुंच प्रतिबंधित है। ये मैसेज टिकटॉक और यूसी न्यूज़ जैसे ऐप पर लागू होता है, जिन्हें किसी भी टास्क के लिए लाइव फीड की जरूरत होती है। इसका मतलब यह है कि यूजर्स उन ऐप्स का इस्तेमाल कर सकेंगे जिनके लिए सक्रिय इंटरनेट कनेक्शन की जरूरत नहीं होती है। इस प्रक्रिया के बाद CamScanner जैसे इन ऐप्स को अपडेट करने के लिए कोई भी डाउनलोड Google Play Store और Apple के ऐप स्टोर पर नहीं मिलने की संभावना है।

क्या होगा असर?

भारत सरकार द्वारा बैन किए गए चीन के ऐप्स में कुछ ऐप ऐसे हैं तो भारत में यूजर्स के बीच बहुत ज्यादा लोकप्रिय हैं, खासकर टिकटॉक जिसके देश में 100 मिलियन से अधिक सक्रिय यूजर्स हैं। नए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे हेल्प और लाइकी, साथ ही वीडियो चैट ऐप, बिगो लाइव भी भारतीयों में बेहद लोकप्रिय हैं जो अंग्रेजी में सहज नहीं हैं। इसलिए अब इन ऐप के यूजर्स को नए रास्ते तलाशने होंगे।

गौर करने वाली बात यह है कि इन प्लेटफार्मों को बनाने वालों में से अधिकांश भारतीय ही हैं, जिनमें से कई के लिए यह एकमात्र इनकम का जरिया है। इन लोगों को अब नया ऑप्शन तलाशना होगा। हजारों लोगों की नौकरियां भी दांव पर होंगी क्योंकि इनमें से बहुत से ऐप की ऑफिस भारत में हैं और उनमें काम करने वाले भी भारतीय कर्मचारी ही हैं।

भारत ने टिकटॉक, यूसी ब्राउजर सहित 59 मोबाइल एप पर प्रतिबंध लगाया

भारत ने चीन को तगड़ा झटका दिया है। चीन से संबंध रखने वाले 59 मोबाइल एप पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, जिसमें लोकप्रिय टिकटॉक और यूसी ब्राउजर जैसे एप भी शामिल हैं। सरकार ने कहा कि ये एप देश की संप्रभुता, अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हानिकारक हैं। ये प्रतिबंध लद्दाख क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी सैनिकों के साथ मौजूदा तनावपूर्ण स्थितियों के बीच लगाए गए हैं । प्रतिबंधित सूची में वीचैट , बीगो लाइव ,हैलो, लाइकी, कैम स्कैनर, वीगो वीडियो, एमआई वीडियो कॉल - शाओमी, एमआई कम्युनिटी, क्लैश ऑफ किंग्स के साथ ही ई-कॉमर्स प्लेटफार्म क्लब फैक्टरी और शीइन शामिल हैं।

भारत से चीन का सफाया

ऐसे में इस फैसले ने चीनी प्रौद्योगिकी कंपनियों की बड़ी सफाई कर दी है। भारत में टिकटॉक के 20 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता हैं, जबकि शाओमी सबसे बड़ा मोबाइल ब्रांड है। अलीबाबा का यूसी ब्राउजर एक मोबाइल इंटरनेट ब्राउजर है, जो 2009 से भारत में उपलब्ध है। इसका दावा है कि सितंबर 2019 में दुनिया भर (चीन को छोड़कर) में उसके 1.1 अरब उपयोगकर्ता थे, जिसमें आधे भारत से थे। आईटी मंत्रालय ने सोमवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा कि उसे विभिन्न स्रोतों से कई शिकायतें मिली हैं, जिनमें एंड्रॉइड और आईओएस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कुछ मोबाइल ऐप के दुरुपयोग के बारे में कई रिपोर्ट शामिल हैं।

यूजर्स का डेटा चुराकर भेजा जा रहा बाहरी देशों में

इन रिपोर्ट में कहा गया है कि ये एप ‘‘उपयोगकर्ताओं के डेटा को चुराकर, उन्हें गुपचुक तरीके से भारत के बाहर स्थित सर्वर को भेजते हैं।’’ बयान में कहा गया, ‘‘भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति शत्रुता रखने वाले तत्वों द्वारा इन आंकड़ों का संकलन, इसकी जांच-पड़ताल और प्रोफाइलिंग अंतत: भारत की संप्रभुता और अखंडता पर आघात होता है, यह बहुत अधिक चिंता का विषय है, जिसके खिलाफ आपातकालीन उपायों की जरूरत है।’’ सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने आईटी कानून और नियमों की धारा 69ए के तहत अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए इन एप्स पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया। गृह मंत्रालय के तहत आने वाले भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र ने इन दुर्भावनापूर्ण एप्स पर व्यापक प्रतिबंध लगाने की सिफारिश भी की थी।

चीनी ऐप भारत की सुरक्षा के लिए खतरा

बयान में कहा गया है, ‘‘इनके आधार पर और हाल ही में विश्वसनीय सूचनाएं मिलने पर कि ऐसे ऐप भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए खतरा हैं, भारत सरकार ने मोबाइल और गैर-मोबाइल इंटरनेट सक्षम उपकरणों में उपयोग किए जाने वाले कुछ एप के इस्तेमाल को बंद करने का निर्णय लिया है।’’ बयान में कहा गया है कि यह कदम ‘‘करोड़ों भारतीय मोबाइल और इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के हितों की रक्षा करेगा। यह निर्णय भारतीय साइबरस्पेस की सुरक्षा और संप्रभुता सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम है।’’ फैसले पर इन कंपनियों की टिप्पणी फिलहाल नहीं मिल सकी है। वेंचर इंटेलिजेंस के अनुसार अलीबाबा, टेंसेंट, टीआर कैपिटल और हिलहाउस कैपिटल सहित चीनी निवेशकों ने 2015 से 2019 के बीच भारत के स्टार्टअप कंपनी क्षेत्र में 5.5 अरब डॉलर से अधिक निवेश किया है।

टॅग्स :चीनटिक टोकऐप
Open in App

संबंधित खबरें

भारतसंचार साथी ऐप में क्या है खासियत, जिसे हर फोन में डाउनलोड कराना चाहती है सरकार? जानें

भारत"संचार साथी ऐप अनिवार्य नहीं, डिलीट कर सकते हैं लोग", विवाद के बीच बोले केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया

भारत'संचार साथी' ऐप को प्रियंका गांधी ने बताया जासूसी ऐप, बोलीं- "देश को तानाशाही में बदलने की कोशिश"

विश्वदुनियाभर में आफत?, हांगकांग में आग, 128 मरे, थाईलैंड में बाढ़ से 145 की मौत और श्रीलंका में बाढ़-भूस्खलन से 56 की मौत

विश्वHong Kong Fire: भीषण आग की चपेट में दर्जनों जिंदगियां, हांगकांड में इमारतों में लगी आग में मरने वालों की संख्या 94 हुई, कई लोग अब भी लापता

भारत अधिक खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई