लाइव न्यूज़ :

सुप्रीम कोर्ट में दायर पीआईएल में कहा गया, "विदेशी फंड के जरिये महिलाओं और बच्चों का हो रहा है धर्मांतरण"

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: December 12, 2022 16:01 IST

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच के सामने धर्मांतरण से जुड़े एक जनहित में कहा गया है कि विदेशी फंड के मदद से हो रहे धर्मंतरण में अनैतिक और हिंसक रणनीतियों का सहारा लिया जा रहा है और इसके माध्यम से मुख्यतः सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा है।

Open in App
ठळक मुद्देविदेशी फंड की मदद से हो रहे धर्मांतरण के मुख्य निशाने पर महिलाएं और बच्चे हैंसुप्रीम कोर्ट में धर्मांतरण से संबंधित जनहित याचिका में कही गई है यह बातविदेशी फंड के मदद से हो रहे धर्मंतरण में अनैतिक और हिंसक रणनीतियों का सहारा लिया जा रहा है

दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में धर्मातरण के संबंध में दायर की गई एक जनहित के जरिये कोर्ट को बताया गया है कि भारत में विदेशी फंड की मदद से हो रहे धर्मांतरण का मुख्य निशाना यहां की महिलाएं और बच्चे हैं। इसके साथ ही याचिका में यह भी कहा गया है कि केंद्र और राज्य सरकारें विदेशी फंड की मदद से चल रहे धर्मांतरण को रोकने और इसके खिलाफ उचित कदम उठाने में विफल रही हैं।

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच के सामने इस जनहित याचिका को पेश करते हुए सुप्रीम कोर्ट के वकील और याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि विदेशी फंड के मदद से हो रहे धर्मंतरण में अनैतिक और हिंसक रणनीतियों का सहारा लिया जा रहा है और मुख्यरूप से सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा है।

इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बीते 5 दिसंबर को कहा था कि कोई भी डोनेशन या फंड का धर्म परिवर्तन के लिए प्रयोग करना सही नहीं है और जबरन धर्म परिवर्तन को बेहद "गंभीर मुद्दा" है, जो सीधे देश की संविधान की भावना के खिलाफ है।

जनहित याचिका पर सुनवाई के क्रम में याचिकाकर्ता उपाध्याय ने लिखित तौर पर मांग की है कि कथित धर्मांतरण से संबंधित गतिविधियों को रोकने के लिए विदेशी वित्त पोषित गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) और व्यक्तियों के लिए एफसीआरए (विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम) के तहत बनाए गए नियमों की समीक्षा की जानी चाहिए।

इसके साथ ही याचिका में हवाला और अन्य तरीकों से आने वाले फंड से भी होने वाले धर्मांतरण को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की भी मांग की गई है। याचिका में कहा गया है, "सुप्रीम कोर्ट भारत के विधि आयोग से गैरकानूनी धर्मांतरण की जांच के लिए उपयुक्त कानून और उस संबंध में आवश्यक दिशानिर्देशों जारी करने का आदेश दे।"

इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट केंद्र और राज्यों को 'बेनामी' संपत्तियों और "धोखाधड़ी से धर्म परिवर्तन" में शामिल व्यक्तियों और संस्थानों की आय और संपत्ति को जब्त करने के लिए कदम उठाने का निर्देश जारी करे।

संबंधित याचिका के जरिये सुप्रीम कोर्ट से कहा गया है, "याचिका के माध्यम से अपील की जाती है कि विदेशी फंड के जरिये संचालित होने वाली मिशनरी और संस्थाएं भारतीय महिलाएं और बच्चों के धर्म परिवरतन की मंशा रखती है लेकिन केंद्र और राज्यों द्वारा अनुच्छेद 15 (3) के अनुसार धर्म परिवर्तन को नियंत्रित करने के लिए उचित कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। यह स्थिति इस कारण भी चिंताजनक है क्योंकि कई व्यक्ति और संगठन सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचितों और एससी-एसटी वर्ग के बड़े समूह का धर्मांतरण कर रहे हैं। इसके लिए वो या तो बल प्रयोग कर रहे हैं या फिर उन्हें प्रलोभन देकर उनकी गरीबी का फायदा उठा रहे हैं।

हमारे देश का संविधान भी कहता है कि गलत तरीके से होने वाले धर्मांतरण अनुच्छेद 21 के तहत जीवन, स्वतंत्रता और गरिमा के अधिकार का हनन करते हैं। इस कारण इस पर सख्ती से लगाम लगाने की आवश्यकता है।

वहीं इस पूरे मसले पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी बात रखते हुए कहा था कि वह इस तरह के अनैतिक माध्यमों से हो रहे धर्मांतरण पर राज्यों से और जानकारी इकट्ठी कर रहा है। इस कारण उसे जवाब पेश करने के लिए और वक्त चाहिए। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि वो अब इस याचिका पर आगामी 12 दिसंबर को फिर से सुनवाई करेगा।

टॅग्स :सुप्रीम कोर्टPublic Interest Litigationधार्मिक खबरें
Open in App

संबंधित खबरें

भारतSupreme Court: बांग्लादेश से गर्भवती महिला और उसके बच्चे को भारत आने की अनुमति, कोर्ट ने मानवीय आधार पर लिया फैसला

भारतआपको बता दूं, मैं यहां सबसे छोटे... सबसे गरीब पक्षकार के लिए हूं, जरूरत पड़ी तो मध्य रात्रि तक यहां बैठूंगा, प्रधान न्यायाधीश सूर्यकांत ने कहा

स्वास्थ्यखतरनाक धुएं से कब मुक्त होगी जिंदगी?, वायु प्रदूषण से लाखों मौत

भारतसुप्रीम कोर्ट ने कॉमेडियन समय रैना को सफलता की कहानियों वाले दिव्यांग लोगों को शो में बुलाने और इलाज के लिए पैसे जुटाने का दिया निर्देश

भारत"कोर्ट के पास कोई जादू की छड़ी नहीं है...", दिल्ली में वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त

भारत अधिक खबरें

भारतIndigo Crisis: इंडिगो की उड़ानें रद्द होने के बीच रेलवे का बड़ा फैसला, यात्रियों के लिए 37 ट्रेनों में 116 कोच जोड़े गए

भारतPutin Visit India: भारत का दौरा पूरा कर रूस लौटे पुतिन, जानें दो दिवसीय दौरे में क्या कुछ रहा खास

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक