मुंबई : एटीएम में पर्याप्त नकदी न रखना बैंकों को भारी पड़ सकता है । भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि अगर नकदी की कमी की वजह से ग्राहक को एटीएम से खाली हाथ लौटना पड़ा तो संबंधित बैंकों को इस वर्ष 1 अक्टूबर से जुर्माना लगाया जाएगा । आरबीआई ने एक सर्कुलर में कहा कि किसी भी बैंक के एटीएम में 1 महीने में ज्यादा से ज्यादा 10 घंटे तक नकदी की कमी स्वीकार है। इससे ग्राहकों को निर्बाध सेवा उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी और नकद की कमी भी दूर होगी ।
लेकिन अगर उससे ज्यादा देर तक किसी एटीएम में नकदी की कमी पाई गई तो बैंक को प्रति घंटे 10000 रुपए का जुर्माना देना होगा । आरबीआई का कहना है कि इसका मकसद एटीएम में नकदी की कमी से होने वाली दिक्कत से ग्राहकों को निजात दिलाना है । आरबीआई पर बैंक नोट जारी करने की जिम्मेदारी है । वहीं बैंकों पर देश भर में अपने एटीएम के नेटवर्क के माध्यम से नोट ग्राहकों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी है।
नकदी की कमी को गंभीरता से लिया जाएगा
बैंकों और व्हाइट लेबल एटीएम,ऐसी कंपनियां जिन्हें आरबीआई ने सिर्फ एटीएम परिचालन का लाइसेंस दिया है , में ऑपरेटरों को अपना तंत्र मजबूत रखना होगा । उन्हें सुनिश्चित करना होगा कि उनके तहत आने वाले किसी भी एटीएम में नकदी की कमी ना हो और ग्राहक को परेशानी ना उठानी पड़े । आरबीआई ने कहा कि एटीएम में नकदी की कमी को बेहद गंभीरता से लिया जाएगा और बैंकों पर जुर्माना लगेगा । अगर किसी व्हाइट लेबल एटीएम में नकदी की कमी मिलती है तो जुर्माना उस पर लगाया जाएगा जिससे उस एटीएम में नकद डालने की जिम्मेदारी है ।