"अगर एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) मिलकर फैसला लें, तो महाराष्ट्र में बदलाव हो सकता है", शरद पवार ने कहा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 31, 2023 12:51 IST2023-07-31T12:47:53+5:302023-07-31T12:51:26+5:30
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि अगर एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) मिलकर निर्णय लें, तो महाराष्ट्र में बदलाव आ सकता है।

फाइल फोटो
मुंबई: महाराष्ट्र के सबसे अनुभवी राजनेता और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा है कि अगर एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) मिलकर निर्णय लें, तो महाराष्ट्र में बदलाव आ सकता है।
इसके साथ ही एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने स्पष्ट किया कि महाराष्ट्र की मौजूदा भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजित पवार गुट) की गठबंधन वाली सरकार के साथ उनका जुड़ाव बेहद मुश्किल है।
शरद पवार ने यह बात बीते रविवार को एक पुस्तक विमोचन समारोह में कही। जिसमें उनके साथ शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बाला साहेब थोराट भी मंच पर उपस्थित थे।
महाविकास अघाड़ी समेत पिछली अन्य सरकारों के कार्यशाली को याद करते हुए पवार ने कहा कि पिछली सरकारों ने प्राचीन कला और संस्कृति, साहित्य और इतिहास के संरक्षण में मदद की थी और उसी का नतीजा है कि समावेशी राजनीति से महाराष्ट्र का विकास हुआ।
उन्होंने कहा, "लेकिन हमारे लिए मौजूदा शिंदे सरकार के साथ किसी भी तरह का जुड़ाव बेहद मुश्किल है और इसके साथ मैं यह भी बात करता हूं कि अगर हम तीनों महाविकास अघाड़ी के घटक कोई सामूहिक निर्णय लेत हैं तो निश्चित ही उससे बड़ा बदलाव हो सकता है।"
मालूम हो कि 2 जुलाई को शरद पवार के भतीजे अजित पवार द्वारा एनसीपी में किये गये विद्रोह और पार्टी के विभाजन के बाद महाविकास अघाड़ी के तीनों सहयोगियों, शरद पवार, उद्धव ठाकरे और बाला साहेब थोराट ने पहली बार मंच साझा किया था। 2 जुलाई को अजित पवार के साथ आठ अन्य एनसीपी विधायकों ने पार्टी से बगावत करके एकनाथ शिंदे-भाजपा सरकार में शामिल हो गए थे।
लेकिन बावजूद अजित पवार के विद्रोह के शरद पवार वाली एनसीपी, कांग्रेस और उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना का बना हुआ महाविकास अघाड़ी गठबंधन अब भी बरकरार है और राष्ट्रीय राजनीति में यह गठबंधन विपक्षी दलों के साझा गठबंधन 'इंडिया' के जरिय पीएम मोदी को आने वाले आम चुनाव में चुनौती देने की तैयारी में लगा हुआ है। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)