पटनाः बिहार विधानसभा के मॉनसून सत्र के चौथे दिन गुरुवार को सदन की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ गई। सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्ष के विधायकों ने बिहार विधानसभा के बाहर जमकर हंगामा किया। विपक्ष के विधायक सदन के अंदर और बाहर दोनों जगह हाथ में पोस्टर बैनर लेकर बिहार सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। राजद, कांग्रेस और वाम दलों के विधायक वेल में पहुंच गए। हालांकि मार्शल ने विपक्ष के विधायकों के हाथ से पोस्टर बैनर ले लिया। विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव के बार समझाने के बावजूद विपक्षी सदस्यों ने महिला से दुराचार के आरोपित आईएएस अधिकारी संजीव हंस का मुद्दा उठाते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस्तीफे की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया।
इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने कहा कि वह किसी भी सदस्य की बात को तब तक नहीं सुनेंगे, जब तक वे अपनी सीट पर जाकर बात नहीं रखेंगे। विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच ही विधानसभा अध्यक्ष ने प्रश्नकाल शुरू करा दिया तो विपक्षी विधायक विधायक धरने पर बैठ गए। वह अपना अलग से समानांतर सदन चलाने लगे।
विपक्षी विधायकों ने महबूब आलम को सदन में अपना विधानसभा अध्यक्ष बना दिया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने लगे। वाम विधायक सत्येंद्र यादव नीतीश कुमार की नकल करते दिखे। विधानसभा अध्यक्ष ने तंज कसते हुए कहा कि थक गए हैं तो पानी पीकर आइए। मुझे आपके स्वास्थ्य का भी ख्याल है। वहीं, भारी हंगामे के साथ विपक्षी विधायक सदन के अंदर रिपोर्टर टेबल को पटकने लगे।
विधानसभा अध्यक्ष के बार-बार मना करने के बाद भी विपक्षी विधायक फिर भी बार-बार टेबल पटकते रहे। इस दौरान जब विपक्षी विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को पीठ दिखाया तो वह भड़क गए। उन्होंने कहा कि अगर किसी को चोट लगी तो छोड़ूंगा नहीं, बड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, विपक्ष के लगातार हंगामे को देख मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विधानसभा से बाहर निकल गए।
इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया। इससे पहले कांग्रेस विधायक साढ़े 10 बजे ही विधानसभा परिसर पहुंच गए और मुंह पर काली पट्टी बांधकर अपना विरोध जताया। राजद की मसौढी से विधायक रेखा पासवान ने अपनी आंख पर काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया।
कांग्रेस विधायकों का कहना है कि बुधवार को कांग्रेस के युवा कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया गया। हमलोग बिगड़ते कानून-व्यवस्था को लेकर अपनी आवाज बुलंद कर रहे थे, लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया गया। नीतीश कुमार जब राजद के साथ होते थे तो भाजपा के लोगों को पीटते थे और अब भाजपा के साथ हैं तो इंडिया गठबंधन के लोगों को पिटवाते हैं।
बता दें कि बिहार के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी संजीव हंस पर एक महिला ने दुष्कर्म के आरोप लगाए थे। आरोप को सही पाते हुए एसएसपी के निर्देश पर संजीव हंस के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज हुआ था। इसके साथ ही साथ भ्रष्टाचार के भी गंभीर आरोप संजीव हंस पर हैं।
पिछले दिनों आय से अधिक संपत्ति की शिकायत पर ईडी ने संजीव हंस के ठिकानों पर छापेमारी की थी। विपक्ष का आरोप है कि सरकार दुष्कर्म और भ्रष्टाचार के आरोपी अधिकारी को बचाने की कोशिश कर रही है।