हैदराबादः तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव शनिवार को यहां हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगवानी के दौरान अनुपस्थित रहे।
मोदी 11वीं सदी के संत श्री रामानुजाचार्य की स्मृति में ‘स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी’ राष्ट्र को समर्पित करने और अर्ध-शुष्क उष्णकटिबंधीय फसल के लिए अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान संस्थान (आईसीआरआईएसएटी) की 50वीं वर्षगांठ समारोह की शुरुआत करने शनिवार दोपहर यहां पहुंचे।
राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन, केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी और तेलंगाना के मंत्री तलसानी श्रीनिवास यादव उन वीआईपी लोगों में शामिल थे, जिन्होंने हवाई अड्डे पर मोदी की अगवानी की। राव के आधिकारिक निवास ‘प्रगति भवन’ के सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री की तबीयत ठीक नहीं है, क्योंकि वह ‘‘बुखार से पीड़ित हैं।’’
हालांकि, मुख्यमंत्री शाम को ‘स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी’ को समर्पित करने के कार्यक्रम में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के एक पत्र में कहा गया कि तलसानी श्रीनिवास यादव को आज दौरे के दौरान प्रधानमंत्री के आगमन और प्रस्थान के समय उनका स्वागत करने और विदा करने के लिए नामित किया गया है।
केंद्रीय बजट 2022-23 को ‘गोलमाल बजट’ बताते हुए राव ने हाल में दावा किया था कि यह लोगों के खिलाफ ‘‘विश्वासघात’’ है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी दोनों देश को अपनी क्षमता का एहसास कराने में विफल रही हैं। साथ ही कहा था कि वह ‘‘गुणात्मक परिवर्तन’’ लाने की दिशा में प्रयास करेंगे।
डिजिटल कृषि हमारा भविष्य, देश के युवा इसमें बेहतरीन कर सकते हैं: प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ‘‘डिजिटल कृषि’’ को भारत का भविष्य बताया और कहा कि देश के प्रतिभावान युवा इसमें बेहतरीन काम कर सकते हैं। प्रधानमंत्री ने राजधानी स्थित पाटनचेरु में अर्द्ध उष्ण कटिबंधीय के लिये अंतर्राष्ट्रीय फसल अनुसंधान संस्थान (आईसीआरआईएसएटी) परिसर का दौरा कर संस्थान की 50वीं वर्षगांठ समारोह की शुरुआत के मौके पर यह बात कही।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का विशेष ध्यान देश के उन 80 प्रतिशत से अधिक छोटे किसानों पर है और वह उन्हें हजारों कृषि उत्पादक संगठनों (एफपीओ) में संगठित करके एक जागरूक और बाजार की बड़ी ताकत बनाना चाहती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से देश के किसानों को बचाने के लिए सरकार का ध्यान बुनियाद की ओर लौटने और भविष्य की ओर बढ़ने के मिश्रण पर है। उन्होंने कहा कि ‘‘प्रो प्लेनेट पीपुल’’ एक ऐसा आंदोलन है, जो जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए हर व्यक्ति व समुदाय को जलवायु के प्रति जिम्मेदारी से जोड़ता है।
उन्होने कहा, ‘‘ये सिर्फ बातों तक सीमित नहीं है बल्कि भारत सरकार के कामों में भी प्रदर्शित होता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘बदलते हुए भारत का एक महत्वपूर्ण पक्ष है डिजिटल एग्रीकल्चर। यह हमारा भविष्य है और इसमें भारत के प्रतिभावान युवा बहुत बेहतरीन काम कर सकते हैं। डिजिटल प्रौद्योगिकी से कैसे हम किसान को सशक्त कर सकते हैं, इसके लिए भारत में प्रयास निरंतर बढ़ रहे हैं।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार के आम बजट में प्राकृतिक खेती और ‘‘डिजिटल एग्रीकल्चर’’ पर अभूतपूर्व बल दिया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘एक तरफ हम मोटे अनाज का दायरा बढ़ाने पर ध्यान दे रहे हैं, रसायन मुक्त खेती पर बल दे रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ सोलर पंप से लेकर किसान ड्रोन तक आधुनिक प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहित कर रहे हैं।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार जल संचयन के माध्यम से नदियों को जोड़कर एक बड़े क्षेत्र को सिंचाई के दायरे में लाने और कम सिंचित क्षेत्रों में जल के इस्तेमाल की दक्षता बढ़ाने के लिए सूक्ष्म सिंचाई पर जोर देने की दोहरी रणनीति पर काम कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘आज भारत में हम एफपीओ और एग्रीकल्चर वैल्यू चेन के निर्माण पर भी बहुत फोकस कर रहे हैं।