जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्रों का सोमवार को परिसर के बाहर पुलिस के साथ संघर्ष हो गया। इस बीच, AICTE परिसर में मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि JNU विद्यार्थियों से उनकी समस्याओं को लेकर सकारात्मक वार्ता की है। केंद्रीय मंत्री ने यह आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं का शीघ्र ही उचित हल निकाला जाएगा।
जेएनयू छात्र प्रशासन की ‘‘छात्र विरोधी’’ नीति के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शन कर रहे छात्र अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् (एआईसीटीई) की तरफ आगे बढ़ना चाहते थे लेकिन गेटों पर अवरोधक लगा दिए गए हैं। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू इस स्थान पर दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। अधिकारियों ने बताया कि मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ भी सुबह से ही एआईसीटीई ऑडिटोरियम में हैं।
छात्रों के प्रदर्शन के मद्देनजर मंत्रालय में दो पूर्व निर्धारित कार्यक्रम रद्द करने पड़े हैं। जेएनयू से लगभग तीन किलोमीटर दूर एआईसीटीई के द्वारों को बंद कर दिया गया और सुबह शुरू हुए विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर परिसरों के बाहर सुरक्षाकर्मियों को तैनात कर दिया गया।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि जेएनयू परिसर के उत्तरी और पश्चिमी द्वारों के बाहर और बाबा बालकनाथ मार्ग पर एआईसीटीई ऑडिटोरियम और जेएनयू के बीच स्थित सड़क पर बैरिकेड लगाये गये हैं। हाथों में तख्तियां लेकर छात्रों ने ‘‘दिल्ली पुलिस वापस जाओ’’ जैसे नारे लगाये।
छात्रों ने कुलपति एम जगदीश कुमार के खिलाफ भी नारेबाजी की। छात्रों की मांग थी कि मसौदा छात्रावास मैनुअल को वापस लिया जाये जिसमें उनके अनुसार फीस वृद्धि, कर्फ्यू का वक्त और ड्रेस कोड जैसी पाबंदियों का प्रावधान है। छात्रों ने बताया कि सुबह शुरु हुआ यह प्रदर्शन छात्रावास के मैनुअल के विरोध के अलावा पार्थसारथी रॉक्स में प्रवेश पर प्रशासन की पाबंदी तथा छात्र संघ के कार्यालय को बंद करने के प्रयास के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों का ही हिस्सा है।