Hemant Soren Live News: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को आज रांची हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा, उन्हें कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली। हेमंत सोरेन की क्रिमिनल रीट पर रांची हाईकोर्ट में आज सुनवाई हुई। इस दौरान हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एस चंद्रशेखर और न्यायाधीश अनुभा रावत चौधरी की बेंच ने ईडी से जवाब मांगा है। कोर्ट ने ईडी को 9 फरवरी तक को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। इसके बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 12 फरवरी की तिथि निर्धारित की है। उल्लेखनीय है कि ईडी ने कथित जमीन घोटाला में 31 जनवरी की शाम को हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया था। अपनी गिरफ्तारी को लेकर हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट में ईडी के समन को नियम के विरुद्ध करार देने और पीड़क कार्रवाई करने पर रोक लगाने की मांग को लेकर याचिका दायर की थी।
जिस पर 2 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करने से इनकार करते हुए हेमंत सोरेन को पहले हाईकोर्ट जाने का निर्देश दिया। वहीं, दूसरी ओर हेमंत सोरेन की तरफ से ईडी के अधिकारियों के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट में दर्ज कराई गई है। हेमंत सोरेन ने अपनी शिकायत में ईडी के चार अधिकारी कपिल राज, देवव्रत झा, अनुपम कुमार और अमन पटेल के अलावा अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था।
हेमंत सोरेन ने अपने शिकायत लिखा था कि जब मैं रांची आया तो मैंने इलेक्ट्रॉनिक, डिजिटल और प्रिंट मीडिया में खबर देखी कि ईडी के इन सभी अधिकारियों ने मुझे और मेरी पूरी कम्युनिटी को परेशान करने के लिए और छवि खराब करने के लिए दिल्ली के झारखंड भवन और नई दिल्ली के 5 बटा 1 शांति निकेतन में सर्च ऑपरेशन चलाया है।
उन्होंने कहा कि 29 जनवरी को मुझे पता चला कि मुझे बिना नोटिस दिए उस घर में सर्च ऑपरेशन किया गया है। जबकि मैं उस वक्त वहां मौजूद नहीं था। मुझे 29 जनवरी और 31 जनवरी को रांची में उन अधिकारियों के सामने मौजूद रहना था। हेमंत सोरेन ने कहा था कि ईडी के अधिकारी जो न तो शेड्यूल कास्ट के हैं और न ही शेड्यूल ट्राइब के, उन्होंने मुझे प्रताड़ित करने के लिए ये सब किया है।
झारखंड में चंपई सरकार ने विधानसभा में जीता विश्वासमत, पक्ष में पडे 47 मत और विपक्ष में पड़े 29 मत
झारखंड विधानसभा में चंपई सोरेन की सरकार विश्वास मत जीतने में कामयाब हो गई है। चंपई सरकार के पक्ष में 47 मत पड़े, जबकि विपक्ष में 29 मत डाले गए। ऐसे में चंपई सोरेन ने बहुमत का आंकड़ा हासिल कर लिया है और अग्नि परीक्षा में सफल हो गए हैं। विश्वास प्रस्ताव पर मतदान के बाद विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने विधानसभा को 6 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी।
दरअसल, झारखंड में हुए जमीन घोटाला मामले में ईडी ने पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया था। सरकार गिरने के बाद झामुमो नेता चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता चुना गया और सियासी ड्रामे के बाद आखिरकार उन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। शपथ ग्रहण के पांच दिन बाद यानी आज सोमवार को विधानसभा में सरकार का फ्लोर टेस्ट हुआ।
राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन के अभिभाषण के बाद चंपई सोरेन ने विधानसभा में विश्वास मत के लिए प्रस्ताव पेश किया। चंपई सरकार के प्रस्ताव पर सदन में चर्चा कराई गई। उधर, कोर्ट से आदेश मिलने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी फ्लोर टेस्ट में शामिल हुए। विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सदन में बोलते हुए हेमंत सोरेन ने कहा कि कहा कि 31 जनवरी की काली रात, काला अध्याय देश के लोकतंत्र में नए तरीके से जुड़ा है। मेरे संज्ञान में नहीं है कि पहले किसी मुख्यमंत्री की ऐसी गिरफ्तारी हुई हो।
मुझे लगता है कि इसमें राजभवन भी शामिल है। हेमंत सोरेन ने कहा कि बड़े ही सुनियोजित तरीके से, लंबे समय से 2022 से 31 तारीख को हुए अंजाम की पटकथा लिखी जा रही थी। उन्होंने कहा कि भाजपा ने सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की। इसमें हमने उन्हें असफल कर दिया। उन्होंने कहा कि मैं भाजपा को मेरे खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप साबित करने की चुनौती देता हूं।
अगर आरोप साबित हुए तो राजनीति छोड़ दूंगा। राजनीति से संन्यास ही नहीं झारखंड छोड़ दूंगा। वहीं, मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने भाजपा पर जमकर हमला बोला। उन्होंने भाजपा पर उनकी सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन को झूठे केस में फंसाया गया, हम मुख्यमंत्री रहते हुए हेमंत सोरेन के द्वारा किए गए योजनाओं को आगे बढ़ाएंगे।