नई दिल्ली: देश में अब भी कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं। राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से हाल बेहाल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को भारत की कोविड-19 टीका संबंधी रणनीति की समीक्षा के लिए बैठक की।
इस बैठक में टीके को जरूरतमंदों तक पहुंचाने के लिए तकनीकी मंचों के इस्तेमाल और प्राथमिकता वाले जनसंख्या समूहों जिनमें कोरोना योद्धा और अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले अन्य कर्मी शामिल हैं, इन सभी को वरीयता देने जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई।
नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया कि बैठक में टीके के विकास की प्रगति, नियामक मंजूरियों और खरीद से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गयी।
स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कोरोना वैक्सीन को लेकर ये बताया है-
इसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बताया कि वैक्सीन के क्षेत्र में हम तेजी से काम कर रहे हैं। भारत वैक्सीन को बनाने में विश्व के किसी भी देश से पीछे नहीं हैं। अगले साल 2021 की शुरुआत में भारत में वैक्सीन लोगों के लिए उपलब्ध हो जाएगी। साथ ही उन्होंने बताया कि कोरोना वैक्सीन जब बनकर तैयार हो जाएगी, तो सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों और बुगुर्गों (65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों) को प्राथमिकता दी जाएगी।
जल्द से जल्द टीकाकरण अभियान शुरू करने के लिये पीएम नरेंद्र मोदी ने दिए निर्देश-
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया कि टीका उपलब्ध होने की सूरत में जल्द से जल्द टीकाकरण अभियान शुरू करने के लिये समय पर इन्हें खरीदने और शीघ्र नियामक मंजूरियां देने को लेकर समयबद्ध योजना बनाई जाए। इसके अलावा, नरेंद्र मोदी ने आपातकालीन परिस्थितियों में इनके इस्तेमाल, निर्माण तथा खरीद की मंजूरी लेने से संबंधित पहलुओं पर भी चर्चा की।
भारत में तैयार किये जा रहे पांच टीकों का परीक्षण अग्रिम चरणों में हैं-
बयान में कहा गया है कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किये गए कोरोना वैक्सीन ट्रायल के तीसरे चरण के परीक्षण के नतीजे जैसे ही आते हैं हमारे मजबूत और स्वतंत्र नियामक शीघ्रता और गहनता से इनकी जांच कर इनके इस्तेमाल को मंजूरी देने की दिशा में काम करेंगे। भारत में तैयार किये जा रहे पांच टीकों का परीक्षण अग्रिम चरणों में हैं।
इनमें से चार टीके परीक्षण के दूसरे और तीसरे जबकि एक टीका पहले/दूसरे चरण में है। बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने टीका तैयार करने के लिये नवाचारियों, वैज्ञानिकों, अकादमिक विद्वानों और दवा कंपनियों के प्रयासों की सराहना की।