एचडी कुमारस्वामीः जिन्होंने इत्तेफाक से राजनीति ज्वॉइन की और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बन गए
By आदित्य द्विवेदी | Published: April 7, 2018 07:56 AM2018-04-07T07:56:55+5:302018-04-07T07:56:55+5:30
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के बेटे कुमारस्वामी अपनी अलग राजनीतिक पहचान है।
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के घर पर एक पारिवारिक विमर्श चल रहा था। चर्चा में किसी व्यक्ति ने देवगौड़ा के बेटे एचडी कुमारस्वामी के बारे में कह दिया कि ये कभी राजनेता नहीं बन सकते। कुमारस्वामी उस वक्त फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े हुए थे। उन्होंने परिजन की इस बात को चुनौती की तरह लिया और राजनीति में आने का फैसला किया। शुरुआती राजनीति में विफलताओं के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और कर्नाटक राज्य का मुख्यमंत्री बनकर खुद को साबित कर दिया था। लेकिन राजनीति ऐसा पेशा है जहां हर चुनाव में खुद को साबित करने की चुनौती होती है। उनका अगला इंतेहान कर्नाटक विधानसभा चुना हैं।
कुमारस्वामीः फिल्म इंडस्ट्री से राजनीतिक गलियारे तक
एचडी कुमारस्वामी कर्नाटक के हरदनहल्ली गांव में 16 दिसंबर 1957 में पैदा हुए थे उनका पूरा नाम हरदनहल्ली देवगौड़ा कुमारस्वामी है। पिता एचडी देवगौड़ा राजनेता थे कुमारस्वामी की राजनीति में कोई रुचि नहीं थी। स्कूल-कॉलेज में एक औसत छात्र रहे कुमारस्वामी की रुचि क्रिएटिव कामों में अधिक थी। कुछ इंटरव्यू में उन्होंने स्वीकारा कि वो बचपन में अक्सर क्लास छोड़कर फिल्में देखने चले जाते थे। बाद में उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में ही अपना करियर बनाने की सोची। उन्होंने कुछ फिल्मों का प्रोडक्शन और डिस्ट्रीब्यूशन भी किया। लेकिन एक परिजन की बात को चुनौती स्वरूप स्वीकार करने उन्होंने राजनीति में आने का फैसला किया।
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कुमारस्वामी को लगता था कि वो खुद को सफल राजनेता साबित करेंगे और वापस फिल्म इंडस्ट्री में चले जाएंगे। लेकिन एकबार राजनीतिक भंवर में फंसने के बाद वो इसी के होकर रह गए। कुमारस्वामी के गृह नगर में उनका एक थिएटर भी है। फिलहाल वो जनता दल (सेकुलर) की कर्नाटक इकाई अध्यक्ष हैं। 2018 विधानसभा चुनाव में सभी की निगाहें कुमारस्वामी पर भी टिकी हुई हैं। राज्य की सत्ता के लिए वो एक बड़े गेम चेंजर साबित हो सकते हैं।
कुमारस्वामीः राजनीतिक सफरनामा
कुमारस्वामी ने 1994 में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। 1996 में उन्होंने कनकपुरा सीट से पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत कर भारतीय संसद पहुंचे। 1998 के उपचुनाव में उन्हें कनकपुरा सीट से हार का सामना करना पड़ा। 1999 में उन्होंने सथनूर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और एक बार फिर हार गए। 2004 विधानसभा चुनाव में उन्होंने रामनगर सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। 3 फरवरी 2006 को कर्नाटक में जेडी (एस) और बीजेपी के गठबंधन की सरकार बनी और कुमारस्वामी मुख्यमंत्री चुने गए।
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दरअसल, जेडीएस और बीजेपी ने सत्ता करार के बाद गठबंधन की सरकार बनाई थी। इसमें पहले 19 महीने तक कुमारस्वामी मुख्यमंत्री रहेंगे और 3 अक्टूबर 2007 के बाद बीजेपी का मुख्यमंत्री होगा। उस वक्त कुमारस्वामी के पास 42 विधायक थे। 19 महीने तक सरकार चलाने के बाद कुमारस्वामी बीजेपी को सत्ता हस्तांतरण से मुकर गए। बहुत ना होने की वजह से उन्होंने अपना इस्तीफा तत्कालीन गवर्नर रामेश्वर ठाकुर को सौप दिया। राज्य में 9 अक्टूबर 2007 से 8 नवंबर 2007 के बीच राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया।
2008 के विधानसभा चुनाव में कुमारस्वामी ने एकबार फिर रामनगरम सीट से बड़ी जीत दर्ज की। लेकिन इसबार उन्हें 14 विधायकों का नुकसान उठाना पड़ा। उनकी पार्टी के सिर्फ 30 विधायक ही जीत सके। बीजेपी को सहानुभूति का वोट मिला। 2008 में बीजेपी ने सरकार बनाई और बीएस येदियुरप्पा मुख्यमंत्री बनाए गए।
कुमारस्वामी एक कुशल राजनेता हैं। राजनीति भले ही उन्हें विरासत में मिली हो लेकिन इसमें उनका अपना अंदाज है। कर्नाटक की ग्रामीण जनता के बीच वो जनता दर्शन और ग्राम वास्तव्य जैसे कार्यक्रमों के जरिए खासे लोकप्रिय हैं।
एचडी कुमारस्वामी ने 13 मार्च 1996 को अनीता से शादी की थी। उन दोनों का एक बेटा है जिसका नाम निखिल है।