नई दिल्ली: हाथरस में जिस बाबा और धार्मिक उपदेशक सूरज पाल के सत्संग में भगदड़ मचने से 121 लोगों की जान चली गई उनके बारे में एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार सूरज पाल, जिन्हें नारायण साकार विश्व हरि या 'भोले बाबा' के नाम से भी जाना जाता है, राजस्थान के एक कुख्यात पेपर लीक आरोपी से परिचित थे।
पुलिस के मुताबिक सूरज पाल जब भी राजस्थान आता था तो दौसा में हर्षवर्धन मीना के यहां रुकता था। एडीजीपी (स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप) वी के सिंह ने कहा है कि मीना राजस्थान 2020 जूनियर इंजीनियर परीक्षा (जेईएन) भर्ती परीक्षा पेपर लीक का मुख्य आरोपी है।
अधिकारी के अनुसार, जनवरी में पुलिस ने पेपर लीक मामले में दौसा में मीना के घर पर छापा मारा था। लेकिन पुलिस के पहुंचने से पहले ही वहां रह रहा बाबा भाग गया। वह पेपर लीक मामले से जुड़ा नहीं है। उपदेशक मीना के घर पर भी सत्संग आयोजित करता था। मीना के घर के सामने अब भी बाबा के पोस्टर और बैनर लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि जब कुछ एसओजी अधिकारियों ने मीडिया में हाथरस भगदड़ की तस्वीरें देखीं, तो उन्होंने उस आदमी को 'भोले बाबा' के रूप में पहचाना।
मीना ने कथित तौर पर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक करके पिछले 15 वर्षों में विभिन्न सरकारी विभागों में 500 से अधिक युवाओं के लिए सरकारी नौकरियों की व्यवस्था की थी। लाभान्वित होने वाले कम से कम 20 लोग उसके परिवार से हैं। पुलिस ने जयपुर, दौसा और महवा में मीणा की जमीनों के दस्तावेज जब्त किए तो 5 करोड़ रुपए की बेनामी संपत्ति का पता चला। फरवरी 2024 में एसओजी ने मीना को गिरफ्तार किया था।
बता दें कि हाथरस में सत्संग में हुई भगदड़ की घटना में 2 जुलाई को 121 लोगों की मौत हो गई। हाथरस के सिकंदरराऊ इलाके के फुलरई गांव में नारायण साकार विश्व हरि के नाम से लोकप्रिय ‘भोले बाबा’ के सत्संग में लाखों अनुयायी पहुंचे थे। हादसा इसी समय हुआ।