उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि हिंसा भड़कने की आशंका को देखते हुए हाथरस की पीड़िता का अंतिम संस्कार रात में करना पड़ा। यूपी सरकार की ओर से इंटेलिजेंस रिपोर्ट का हवाला दिया गया और बताया गया कि ऐसी सूचना मिली थी सुबह होते ही बड़े पैमाने पर हिंसा भड़क सकती थी।
सुप्रीम कोर्ट को दिए हलफनामे यूपी सरकार ने अगले दिन बाबरी मामले में आने वाले फैसले का भी हवाला दिया और कहा कि इस वजह से पूरे सूबे में हाई अलर्ट था। यूपी सरकार ने साथ ही कहा है कि कथित गैंगरेप मामले में जांच को पटरी से उतारने की कोशिश की जा रही है।
यूपी सरकार की ओर से कहा गया, 'सफदरजंग अस्पताल में जिस तरह धरना प्रदर्शन किए जा रहे थे और पूरे मामले को जातिगत / सांप्रदायिक रंग दिया जा रहा था, उसके बाद से हाथरस के जिला प्रशासन को 29 सितंबर की सुबह से ही कई इंटेलिजेंस अलर्ट मिल रहे थे।
यूपी सरकार ने इस बात भी अपने हलफनामे में जिक्र किया है कि अंतिम संस्कार के लिए परिवार को तैयार कराया गया। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से ये हलफनामा कोर्ट में ये कहते हुए दायर किया गया है कि मामले की सीबीआई जांच के निर्देश जरूर दिए जाने चाहिए। हलफनामे में ये भी कहा गया है कि कोर्ट ने सीबीआई जांच की निगरानी करनी चाहिए।
बता दें कि हाथरस में दलित युवती के कथित सामूहिक बलात्कार और उसकी मौत की घटना को लेकर हो रहे प्रदर्शनों के बीच उत्तर प्रदेश पुलिस ने जातिगत संघर्ष भड़काने के प्रयास करने से लेकर देशद्रोह तक के आरोपों में राज्य भर में कम से कम 19 FIR दर्ज की हैं।
हाथरस जिले में 14 सितंबर को 19 साल की दलित युवती के साथ कथित रूप से सामूहिक बलात्कार की घटना के बाद करीब एक पखवाड़े बाद उसने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया। इसके बाद उसके आननफानन में कथित तौर पर परिवार की रजमंदी के बगैर आधी रात में प्रशासन द्वारा अंतिम संस्कार कराए जाने के बाद इस मामले में तूल पकड़ लिया है।