लाइव न्यूज़ :

मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नफरती भाषणों को लेकर जमीयत उलमा-ए-हिंद ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, कार्रवाई की मांग की

By विशाल कुमार | Updated: January 2, 2022 09:00 IST

जमीयत उलमा-ए-हिंद ने अपने अध्यक्ष मौलाना सैयद महमूद असद मदनी के माध्यम से याचिका में कहा कि इस तरह के भाषण दूसरे की आस्थाओं की आलोचना करने की सीमाओं से परे जाते हैं और निश्चित रूप से धार्मिक असहिष्णुता को भड़काने की संभावना है।

Open in App
ठळक मुद्देयाचिका में कहा गया, पैगंबर मोहम्मद का अपमान इस्लाम की नींव पर हमला करने के समान है।कई लोगों द्वारा मुस्लिम समुदाय के खिलाफ की गई हिंसा का आह्वान का उल्लेख किया गया।

नई दिल्ली: हरिद्वार और छत्तीसगढ़ सहित कई अन्य जगहों पर आयोजित हुए धर्म संसद में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नफरती और भड़काऊ भाषणबाजी किए जाने के मामले में एक मुस्लिम संगठन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

जमीयत उलमा-ए-हिंद ने अपने अध्यक्ष मौलाना सैयद महमूद असद मदनी के माध्यम से याचिका में कहा कि इस तरह के भाषण दूसरे की आस्थाओं की आलोचना करने की सीमाओं से परे जाते हैं और निश्चित रूप से धार्मिक असहिष्णुता को भड़काने की संभावना है।

याचिका में कहा गया है कि पैगंबर मोहम्मद का अपमान करना इस्लाम की नींव पर हमला करने के समान है।

याचिका में कहा गया है कि कई हिंसक घटनाएं हुई हैं जिनमें कई कीमती जानें चली गई हैं, जिनमें ज्यादातर समाज के कमजोर वर्ग के लोग हैं, जिनमें से अधिकांश मुस्लिम समुदाय से हैं।

अधिवक्ता एमआर शमशाद द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि संगठन ने काफी समय की प्रतीक्षा करने और राज्य के अधिकारियों को उचित कदम उठाने के लिए समय देने के बाद सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हालांकि, ऐसा लगता है कि राज्य सरकार इस मामले में पूरी तरह विफल रही है।

याचिका में पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणियों के विभिन्न उदाहरणों का वर्णन किया गया है। साथ ही 2018 से लेकर देशभर में कई लोगों द्वारा मुस्लिम समुदाय के खिलाफ की गई हिंसा का आह्वान का उल्लेख किया गया। याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि इस तरह के किसी भी उदाहरण के संबंध में आपराधिक कानून के तहत कोई कार्रवाई शुरू नहीं की गई।

याचिका में डासना मंदिर के पुजारी यति नरसिंहानंद सरस्वती द्वारा दिए गए भड़काऊ भाषणों, इस साल अगस्त में जंतर मंतर रैली में किए गए मुस्लिम विरोधी नारे, गुरुग्राम में शुक्रवार की नमाज के खिलाफ अभियान और विरोध प्रदर्शन का हवाला दिया गया। 

गुरुग्राम में गाय का गोबर फैलाकर और धमकी भरे नारे लगाकर प्रदर्शनकारियों ने निर्धारित भूखंडों पर नमाजों को बाधित किया। त्रिपुरा में रैलियां आयोजित की गईं। इनमें पैगंबर के खिलाफ अपमानजनक नारे लगाए गए। इनमें सूरज पाल अमू और संतोष थमैया के भाषण आदि शामिल थे।

याचिकाकर्ता उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा यति नरसिंहानंद सरस्वती की टिप्पणी के विरोध में 100 से अधिक मुसलमानों को गिरफ्तार किए जाने की रिपोर्ट का भी हवाला देते हैं। 

यह ध्यान दिया जा सकता है कि हाल ही में 76 सुप्रीम कोर्ट के वकीलों ने भारत के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर हरिद्वार सम्मेलन के खिलाफ स्वत: कार्रवाई करने की मांग की, जहां मुसलमानों के खिलाफ नरसंहार की अपील की गई।

टॅग्स :सुप्रीम कोर्टJamiat Ulema-e-HindPolice
Open in App

संबंधित खबरें

क्राइम अलर्टKarnataka: बेलगावी में स्कूली छात्रा के साथ दुष्कर्म, 2 आरोपी गिरफ्तार

भारतSupreme Court: बांग्लादेश से गर्भवती महिला और उसके बच्चे को भारत आने की अनुमति, कोर्ट ने मानवीय आधार पर लिया फैसला

भारतJhalawar: फर्जी दस्तावेज के जरिए जमीन कब्जा के मामले में कांग्रेस नेता गिरफ्तार, 2019 में लड़ा था चुनाव

क्राइम अलर्टपति से अलग होकर महिला छात्रावास में रह रही थी पत्नी, मिलने के बहाने से हॉस्टल गया और कहासुनी के बाद दरांती से काटा, शव के साथ सेल्फी ले व्हाट्सएप स्टेटस पर डाला, वीडियो

क्राइम अलर्टपहले गोली मारी और फिर सिर पर टाइल से वार कर मारा?, पिता और भाई ने प्रेमी सक्षम ताटे की हत्या की, 21 वर्षीय प्रेमिका आंचल मामिडवार ने शव से किया शादी, वीडियो वायरल

भारत अधिक खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई