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Haryana Political Crisis: 3 निर्दलीय MLA के कांग्रेस के साथ आने पर दुष्यंत चौटाला का दावा, फ्लोर टेस्ट के लिए गर्वनर को लिखा पत्र

By आकाश चौरसिया | Updated: May 9, 2024 14:38 IST

Haryana Political Crisis: बीते दिन यानी बुधवार को राज्य की भाजपा सरकार से 3 निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद अब जेजेपी प्रमुख और पूर्व उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने गर्वनर को फ्लोर टेस्ट कराने के लिए पत्र लिखा है।

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ठळक मुद्देहरियाणा सरकार के अल्पमत की बात को लेकर दुष्यंत चौटाला ने राज्यपाल को लिखा पत्रहालांकि, इस पत्र के लिए बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने इसे लेकर दुष्यंत से कहा थाइस प्रस्ताव पर हामी भरते हुए उन्होंने आज राज्यपाल को पत्र लिख दिया है

Haryana Political Crisis: नायब सिंह सैनी सरकार से तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद आज JJP चीफ और पूर्व उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने हरियाणा के गर्वनर बंडारू दत्तात्रेय को पत्र लिखकर फ्लोर टेस्ट कराने का आग्रह किया है। उन्होंने इस पत्र में सरकार के अल्पमत आने की बात का जिक्र किया और कहा कि अनुच्छेद 174 के तहत गर्वनर को ये शक्ति है कि चाहे तो सरकार को बहुमत पास कराएं अन्यथा राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दें।

वहीं, बुधवार को खुद विपक्ष के नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने दुष्यंत चौटाला को संबोधित करते हुए कहा था कि आप पहले गर्वनर को पत्र लिखे और फिर, हम आपके प्रस्ताव पर विचार करेंगे। जवाब में दुष्यंत ने कहा था कि वो कांग्रेस को अपने सभी 10 विधायकों का समर्थन देने के लिए तैयार हैं।  

हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री और JJP नेता दुष्यंत चौटाला ने मीडिया से बात करते हुए इस मामले पर कहा, "2 महीने पहले जो सरकार बनी थी आज वे अल्पमत में चली गई है क्योंकि उनका समर्थन करने वाले 2 विधायक ने इस्तीफा दे दिया है। 3 विधायकों ने अपना समर्थन वापस ले लिया है। JJP ने खुलकर कहा है कि अगर इस सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आता है तो हम बाहर से उसका समर्थन करेंगे। हमने मांग की है कि फ्लोर टेस्ट के लिए आदेश करें। कांग्रेस कदम उठाए और परिवर्तन के लिए लिखित में राज्यपाल को लिखे।"

रोहतक लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार दीपेंद्र सिंह हुडा ने कहा, "हरियाणा में जिस प्रकार से 3 निर्दलीय विधायकों ने अपना समर्थन वापस लेकर कांग्रेस को समर्थन दिया है इससे यहां की सरकार अल्पमत में आ गई है। अल्पमत की सरकार को कोई नैतिक अधिकार नहीं है। ये सरकार तुरंत इस्तीफा दे यदि इस्तीफा नहीं देती है तो राज्यपाल महोदय को मामले का संज्ञान लेते हुए हरियाणा में राष्ट्रपति शासन लगाकर चुनाव कराना चाहिए।"

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