Haryana LS Election 2024 Dates Live: आज चुनाव आयोग देश भर के लिए लोकसभा चुनाव के मद्देनजर चुनावी तारीखों की घोषणा की। वहीं, हरियाणा की 10 सीटों के लिए आयोग ने इस तारीख को निर्धारित किया। अब इसके चंद घंटों बाद ही देश भर में आचार संहिता लागू हो जाएगी। इसी के साथ बता दें कि 17वीं लोकसभा का कार्यकाल 16 जून को खत्म हो जाएगा। कुल 7 चरणों में वोट डाले जाएंगे और यह वोटिंग 19 अप्रैल, 26 अप्रैल, 07 मई, 13 मई, 20 मई, 25 मई और 01 जून को होगी। आखिर में वोटों की गिनती 4 जून को संपन्न होगी।
हरियाणा लोकसभा चुनाव: हरियाणा में एक ही चरण में वोटिंग होगी। यहां छठे चरण में 25 मई को मतदान होगा। इस बार भी लोकसभा चुनाव सात चरणों में चुनाव होंगे। लोकसभा चुनाव 2024 को वोटिंग 19 अप्रैल से शुरू हो रही।
चुनाव आयोग ने कहा कि 17 लोकसभा चुनाव और 400 से ज्यादा विधानसभा चुनाव करा चुके हैं। पिछले 1 साल के अंदर करीब 12 चुनाव हुए हैं और हिंसा मुक्त हुए। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, पिछले 2 साल चुनाव में आगामी लोकसभा चुनाव के लिए तैयारी की है। 21.5 करोड़ युवा (18-29) पहली बार वोट करेंगे, 1.82 करोड़ मतदाता पहली बार वोट करेंगे और बड़े मतदाता के रुप में हिस्सा लेने जा रहे हैं। 49.7 करोड़ पुरुष मतदाता हैं। 18-19 साल की 45 लाख महिला मतदाता हैं। 20 से 29 साल के 19.74 करोड़ मतादाता हैं।
88.4 लाख दिव्यांग लोग हैं, ट्रांसजेंडर 48,000 वोटर हैं। देश में रजिस्टर्ड वोटर 97 करोड़ हैं। हमारे साथ सोशल मीडिया में प्रभाव रखने वाले लोग भी जुड़ेंगे। दिव्यांगों के लिए रैंप, शेड, पर्याप्त लाइट का इंतजाम होगा और व्हील चेयर का भी इंतजाम किया जाएगा। फॉर्म 12 डी पहुंचाएंगे, पहली बार ये व्यवस्था लागू होगी। 85 वर्ष से ऊपर वोटरों को लेकर बर्फ से भी जाएंगे, चाहे कैसे भी वोटरों से जुड़ेंगे।
Know your candidate चुनाव आयोग के जरिए आप कैंडिडेट के बारे में जान सकेंगे। क्रिमिनल छवि वाले लोगों को 3 बार पेपर में इस्तेहार देना होगा। पैसे बांटने का केस है, तो फोटो लेकर बस डालें और 100 मिनट के अंदर शिकायत का निराकरण होगा। पैसा, हिंसा, जासूसी, गलत जानकारी के बारे में चुनाव आयोग लगने जा रहा है।
आचार संहिता का मतलब ये है कि देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग नियम बनाता है, जिसे आचार संहिता कहा जाता है। इसके लागू होते ही सरकार के कार्यों में बदलाव भी हो जाते हैं।
हालांकि, चुनावों से पहले प्रदेश की सभी बड़ी पार्टियों ने यानी की समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी और भारतीय जनता पार्टी ने अपने-अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। लेकिन, इस बार चुनाव से पहले हुए गठबंधन में विपक्ष 'इंडिया' के नेतृत्व में लड़ाई लड़ रहा है। बताते चले कि उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 80 लोकसभा सीटें हैं।
देश भर की 543 की सीटों में से कुल 543 के लिए मतदान हुए, जिसमें साल 2019 में भाजपा ने 303 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया था। पिछले लोकसभा चुनाव 2019 में उत्तर प्रदेश की सभी सीटों पर 7 चरणों पर मत पड़े थे। इसके साथ ही भाजपा ने 62 और अपना दल सोनेलाल ने 2 सीटों पर जीत दर्ज की थी, लेकिन 2014 के मुकाबले एनडीए को करीब 8 सीटों पर नुकसान हुआ। इसी वजह से बसपा और सपा के बीच हुए गठबंधन से बहुजन समाज पार्टी को फायदा हुआ और कुल 10 सीटों पर जीतीं। जबकि समाजवादी पार्टी मात्र 5 सीटों ही जीतने में कामयाब रही।
अनुच्छेद 83 के तहत क्या है अधिकार, जानिएअनुच्छेद 83 के तहत भारत में लोकसभा चुनाव कराने का प्रावधान संविधान में निर्धारित किया गया है। कुल 534 सीटों पर चुनाव पहले 'फर्स्ट-पास्ट-द-पोस्ट वोटिंग' के आधार पर किसी भी उम्मीदवार के भविष्य का फैसला तय होता है। यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि 104वें संविधान संशोधन के अनुसार कुल 545 लोकसभा सीटों में से 2 सीटों पर एंग्लो इंडियन को मौका देने की बात संविधान में कही गई है।