हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए 90 सीटों के लिए मतगणना अपने अंतिम दौर में पहुंच गई है। हरियाणा विधानसभा चुनावों में सीएम मनोहर लाल खट्टर से लेकर पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा समेत कई चर्चित चेहरे अपना भाग्य आजमा रहे थे। कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला समेत कई चर्चित नेता चुनाव हार गए हैं। इस बीच भाजपा के पांच मंत्री पीछे चल रहे हैं वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला भी टोहाना सीट से पीछे हैं। जानिए उन सभी हाई प्रोफाइल सीटों का हाल जिनपर टिकी हैं सभी की निगाहें...
1. मनोहर लाल खट्टर (बीजेपी), करनाल सीट से निर्णायक बढ़त
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर करनाल से चुनाव मैदान में थे। उन्होंने निर्णायक बढ़त बना ली है। हरियाणा के पहले पंजाबी मुख्यमंत्री खट्टर ने 2014 में भी करनाल विधानसभा सीट से जीत हासिल की थी और उनकी नजरें जीत के इस सिलसिले को दोहराने पर है। 5 मई 1954 को जन्मे खट्टर आरएसएस के प्रचारक रहे हैं। उनके खिलाफ दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी ने बीएसएफ के पूर्व जवान तेज बहादुर यादव को उतारा है।
2.भूपिंदर सिंह हुड्डा (कांग्रेस), गढ़ी सांपला किलोई सीट से निर्णायक बढ़त
पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज कांग्रेसी नेता भूपिंदर सिंह अपने गढ़ माने जाने वाले गढ़ी सांपला किलोई से चुनाव जीत रहे हैं। 2005 से 2014 के बीच दो बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे हुड्डा 1999 से 2014 तक अब तक चार बार गढ़ी सांपला किलोई से विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। इसके अलावा वह 1991 से 2004 के बीच रोहतक संसदीय क्षेत्र से चार बार निर्वाचित हुए।
3.दुष्यंत चौटाला (जेजेपी), उचाना कलां सीट से निर्णायक बढ़त
जननायक जनता पार्टी के संस्थापक दुष्यंत चौटाला इन चुनावों में उचाना कलां सीट से उतरे हैं और निर्णायक बढ़त बनाए हुए हैं। बीजेपी ने उनके खिलाफ पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद बीरेंद्र सिंह को उतारा है। 3 अप्रैल 1988 को हिसार में जन्मे दुष्यंत पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के पोते और पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल के परपोते हैं। 2014 लोकसभा चुनाव में वह हिसार सीट से कुलदीप बिश्नोई को हराकर सबसे युवा सांसद बने थे। दिसंबर 2018 में लोकदल से निकाले जाने के बाद उन्होंने जेजेपी नाम अपनी अलग पार्टी का गठन किया।
4.रणदीप सुरजेवाला (कांग्रेस), कैथल सीट से हारे
रणदीप सिंह सुरजेवाला कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पार्टी के कैथल सीट से हार गए हैं। वह 2009 से ही इस सीट से जीतते आ रहे थे। 3 जून 1967 को चंडीगढ़ में जन्मे सुरजेवाला ने 1996 और 2005 में ओम प्रकाश चौटाला को हराया था। हरियाणा सरकार में पूर्व मंत्री रहे और कैथल से लगातार दो बार विधायक रह चुके सुरजेवाला दिसंबर 2017 से कांग्रेस के आधिकारिक प्रवक्ता हैं। सुरजेवाला के खिलाफ बीजेपी ने लीला राम को उतारा है जबकि लोकदल ने अनिल कुमार तो वहीं बीएसपी ने मदन तंवर को उतारा है।
5.सोनाली फोगाट (बीजेपी), आदमपुर सीट से हारी
सोनाली फोगाट एक टीवी ऐक्ट्रेस और प्रसिद्ध टिकटॉक स्टार हैं। उन्हें बीजेपी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 के लिए आदमपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस के कुलदीप बिश्नोई के खिलाफ अपना उम्मीदवार बनाया था। सोनाली चुनाव हार गई हैं। फतेहाबाज जिले के भूथान गांव से आने वाली सोनाली की शादी हिसार के संजय फोगाट से हुई थी, जिनकी दिसंबर 2016 में अपने खेत में रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो गई थी, जबकि उस समय सोनाली मुंबई में थीं। सोनाली की एक सात वर्षीय बेटी है।
6.कुलदीप बिश्नोई (कांग्रेस), आदमपुर सीट से आगे
कुलदीप बिश्नोई कांग्रेस के नेता और हरियाणा के तीन बार मुख्यमंत्री रहे चौधरी भजनलाल के पुत्र हैं। वो सोनाली फोगाट के खिलाफ चुनाव जीत गए हैं। 22 सितंबर 1968 को जन्मे कुलदीप हिसार की आदमपुर विधानसभा सीट से तीन बार विधायक रहे हैं। आदमपुर सीट से 1968 से कुलदीप बिश्नोई का परिवार कभी नहीं हारा है।
7.अभय सिंह चौटाला (INLD), ऐलनाबादा सीट से आगे
अभय सिंह चौटाला इंडियन नेशनल लोकदल के नेता हैं। वो ऐलनाबाद सीट से आगे चल रहे हैं। वह हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के बेटे और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के पोते हैं। 14 फरवरी 1963 जन्मे अभय चौटाला हिसार की ऐलनाबाद सीट से दो बार विधायक रहे हैं और एक बार फिर से इसी सीट से अपना भाग्य आजमा रहे हैं।
8.बबीता फोगाट (बीजेपी), दादरी सीट से हारी
2014 और 2018 के कॉमनवेल्थ गेम्स की गोल्ड मेडल विजेता और स्टार रेसलर बबीता फोगाट हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 में दादरी विधानसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ते हुए अपनी राजनीतिक पारी शुरू की लेकिन सफल नहीं हो सकी। उन्हें निर्दलीय प्रत्याशी सोमवीर ने हरा दिया है। बीजेपी ने भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली इस सीट को कभी नहीं जीता है।
9.योगेश्वर दत्त (बीजेपी), बरोदा सीट से पिछड़े
2012 ओलंपिक पदक विजेता पहलवान योगेश्वर दत्त बीजेपी के टिकट पर 2019 हरियाणा विधानसभा चुनाव में बरोदा सीट से अपने राजनीतिक करियर का आगाज कर रहे हैं। उन्हें कांग्रेस के श्रीकृष्ण हुड्डा ने हरा दिया है। हुड्डा 2009 और 2014 में दो बार चुनाव जीत चुके हैं। योगेश्वर दत्त को 2013 में पद्म श्री सम्मान दिया गया था। उन्होंने 2014 कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था।
10.संदीप सिंह (बीजेपी), पेहोवा सीट से आगे
पूर्व भारतीय हॉकी खिलाड़ी बीजेपी के टिकट पर 2019 हरियाणा विधानसभा चुनाव में पेहोवा विधानसभा सीट से अपनी राजनीतिक पारी का डेब्यू कर रहे हैं। फिलहाल वो आगे चल रहे हैं। कांग्रेस ने यहां से मनदीप सिंह चट्ठा और लोकदल ने मंजीत सिंह को टिकट दिया है। पेहोवा जाट और सिख बहुल इलाका है और बीजेपी की नजरें संदीप सिंह की लोकप्रियता को भुनाने हुए इस सीट पर कब्जा जमाने पर हैं। 2014 के चुनावों में इस सीट पर लोक दल के जसविंदर सिंह संधू ने बीजेपी के जय भगवान शर्मा को मात दी थी।