जम्मू: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में वाराणसी जिला अदालत के फैसले को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अदालतों ने फैसला सुनाया था कि 1947 में धार्मिक स्थलों की यथास्थिति बनाए रखी जाए। भाजपा बेरोजगारी, गरीबी और महंगाई को खत्म करने में नाकाम रही है। इसलिए वे लोगों का ध्यान भटकाना चाहते हैं।
उन्होंने ये भी कहा कि कोर्ट का फैसला भाजपा के इस आख्यान का समर्थन करता है। यही नहीं, इससे पहले पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को ट्वीट करते हुए लिखा, "पूजा स्थल अधिनियम के बावजूद ज्ञानवापी पर अदालत के फैसले से दंगा भड़केगा और एक सांप्रदायिक माहौल पैदा होगा जो भाजपा का एजेंडा है। यह एक खेदजनक स्थिति है कि अदालतें अपने स्वयं के फैसलों का पालन नहीं करती हैं।"
गौरतलब है कि वाराणसी की जिला अदालत ने सोमवार को ज्ञानवापी शृंगार गौरी मामले की विचारणीयता पर सवाल उठाने वाली मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी और कहा कि वह देवी-देवताओं की दैनिक पूजा के अधिकार के अनुरोध वाली याचिका पर सुनवाई जारी रखेगी, जिनके विग्रह ज्ञानवापी मस्जिद की बाहरी दीवार पर स्थित हैं।
जिला न्यायाधीश एके विश्वेश ने अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद समिति की याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें मामले की विचारणीयता पर सवाल उठाया गया था। मुस्लिम पक्ष ने अदालत के इस फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देने की घोषणा की है। इसके साथ ही काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद विवाद एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। वहीं, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने वाराणसी के काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सोमवार को अगली सुनवाई की तारीख 28 सितंबर 2022 निर्धारित की।