नई दिल्ली: राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की एक टीम को शनिवार को गुजरात के वड़ोदरा में जारोड गांव के पास समुद्र तट पर चक्रवात 'बिपरजोय ' के आने से पहले तैनात कर दिया गया है।
समाचार एजेंसी एएनआई ने शनिवार को इसकी जानकारी दी। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि 'अत्यंत गंभीर' चक्रवाती तूफान के अगले चौबीस घंटों में और तेज होने की उम्मीद है और यह उत्तर-पूर्वोत्तर की ओर बढ़ने के लिए तैयार है।
बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान 8 जून को गोवा के 840 किलोमीटर पश्चिम-दक्षिण पश्चिम में पूर्व-मध्य अरब सागर और मुंबई के 870 किलोमीटर पश्चिम-दक्षिण पश्चिम में स्थित था। जबकि इसके अगले दिन में पहले अरब सागर तट पर गुजरात के वलसाड में टिथल बीच पर ऊंची लहरें देखी गईं।
चक्रवात को देखते हुए चेतावनी के बाद वलसाड प्रशासन द्वारा एहतियात के तौर पर तीथल बीच को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है। समुद्र तट 14 जून तक पर्यटकों के लिए बंद रहेगा। मछुआरों को भी समुद्र में नहीं जाने का निर्देश दिया गया है।
तहसीलदार टीसी पटेल, वलसाड ने एएनआई को बताया कि हमने 14 जून तक तीथल बीच को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया है। मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की चेतावनी दी है और वे सभी वापस आ गए हैं। दरिया कंथन गांव में जरूरत पड़ने पर लोगों को शिफ्ट किया जाएगा और उनके लिए आश्रय की व्यवस्था की गई है।
'बिपारजोय' नाम बांग्लादेश ने दिया है। आईएमडी के अनुसार, इस साल अरब सागर में पहले चक्रवात से राज्य के तटीय क्षेत्रों में हल्की बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ने की उम्मीद है।
अंतर्राष्ट्रीय प्रक्रिया के अनुसार, बंदरगाहों को समुद्री क्षेत्रों में प्रतिकूल मौसम की आशंका होने पर "संकेत" फहराने की सलाह दी गई है। यह कदम जहाजों को सतर्क करने और समुद्री गतिविधियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का प्रयास करता है।