गुवाहाटी: दोबारा गिरफ्तार हुए गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवानी को मंगलवार को 'पुलिस अधिकारियों पर हमला' करने के मामले में असम के बारपेटा जिले की एक स्थानीय अदालत ने 5 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। साथ ही कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका भी खारिज कर दी है।
कोकराझार की अदालत ने ट्वीट मामले में उन्हें सोमवार को दी थी जमानत
इससे पहले पीएम मोदी के लिए किए आपत्तिजनकर ट्वीट को लेकर असम पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था और सोमवार को ही उन्हें कोकराझार की एक स्थानीय अदालत ने मामले में जमानत दी थी।
मंगलवार को असम पुलिस ने दोबारा किया गिरफ्तार
गुजरात के विधायक को मंगलवार को ही बारपेटा जिले में एक लोक सेवक के साथ मारपीट और एक महिला का अपमान करने सहित विभिन्न आरोपों के तहत दायर एक नए मामले में फिर से गिरफ्तार कर लिया गया।
महिला पुलिस अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप
असम पुलिस के मुताबिक मेवानी पर आरोप है कि उन्होंने लोक सेवक के साथ दुर्व्यवहार किया, अपशब्दों का इस्तेमाल किया और उन्हें (महिला पुलिस अधिकारी) अनुचित तरीके से छुआ। मामले की अभी जांच चल रही है।
विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया
जिग्नेश मेवानी के खिलाफ आईपीसी की धारा 294 (सार्वजनिक स्थान पर अश्लील हरकतें और गाने), 354 (महिला का शील भंग करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल), 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल) और 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
बता दें कि जिग्नेश मेवानी गुजरात के निर्दलीय विधायक हैं। लेकिन पिछले साल ही उन्होंने कांग्रेस को अपना समर्थन दे दिया था। कांग्रेस ने उनकी गिरफ्तारी पर भाजपा सरकार पर निशाना साधा था।