जम्मू-कश्मीर पर केंद्र की नरेन्द्र मोदी की सरकार ने विशेष राज्य का दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को खत्म करने का प्रस्ताव राज्यसभा में पेश कर दिया। कश्मीर में धारा 144 लागू है और महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला समेत विपक्ष के कई बड़े नेताओं को नजरबंद किया गया है। मोदी कैबिनेट की अहम बैठक खत्म के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में अनुच्छेद 370 के एक खंड को छोड़कर बाकी अनुच्छेद को खत्म करने का प्रस्ताव पेश किया है।
सरकार को अनुच्छेद 370 हटाने पर किसने किया स्वागत
सरकार के समर्थन में BJD, BSP, AIADMK, TRS, TDP, AAP, and YSRCP है। वहीं, विरोध में कांग्रेस JD(U), CPI, TMC, DMK, RJD, और MDMK विरोध में हैं।
बीजू जनता दल ने किया अनुच्छेद 370 हटाने का स्वागत
बीजू जनता दल ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के संकल्प का स्वागत करते हुए सोमवार को कहा कि ‘‘जम्मू कश्मीर सही मायनों में आज भारत का अभिन्न अंग बना है। ’’ राज्यसभा में बीजद के नेता प्रसन्न आचार्य ने अनुच्छेद 370 को हटाने संबंधी संकल्प पर चर्चा में भाग लेते हुए इसके लिए गृह मंत्री अमित शाह को बधाई दी। उन्होंने कहा, ‘‘हम भले ही क्षेत्रीय दल हैं और क्षेत्रीय आकांक्षाएं रखते हैं किंतु जब देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा की बात हो तो हम पूरे देश के साथ हैं।’’ आचार्य ने कहा, ‘‘इस इस संकल्प का स्वागत करते हैं।
अन्नाद्रमुक ने भी अनुच्छेद 370 हटाने का स्वागत किया
अन्नाद्रमुक ने भी अनुच्छेद 370 हटाने संबंधी संकल्प तथा राज्य पुनर्गठन विधेयक का समर्थन किया । अन्नाद्रमुक के नेता ए नवनीत कृष्णन ने कहा कि उनकी पार्टी इसका समर्थन करती है। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान था। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी की दिवंगत नेता जे जयललिता देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता को बनाए रखने की पक्षधर थीं।
जम्मू कश्मीर पर सरकार के फैसले को हमारा समर्थन: केजरीवाल (दिल्ली सीएम)
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी केंद्र के जम्मू कश्मीर पर फैसले का समर्थन करती है। मुख्यमंत्री ने एक ट्वीट ने कहा, ‘‘हमें आशा है कि इससे राज्य में शांति आयेगी और विकास होगा।’’ केजरीवाल ने यह टिप्पणी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के संसद के दोनों सदनों में बयान देने के कुछ समय बाद की।
AIADMK ने भी दिया समर्थन
एआईएडीएमके सांसद ए नवनीतकृष्णन ने पार्टी का पक्ष रखते हुए कहा कि उनकी पार्टी जम्मू-कश्मीर को लेकर सरकार द्वारा सदन में पेश किए गए सारे विधेयकों का समर्थन कर रही है।
YSRCP ने भी दिया सरकार का साथ
वाईएसआरसीपी के सांसद वी. विजयसाई रेड्डी ने सरकार का समर्थन करते हुए कहा कि धारा 370 वर्षों से देश को चुभ रही थी। उन्होंने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि अब जम्मू-कश्मीर की समस्या का पूर्ण समाधान हो जाएगा।
असम के राजनीतिक दल ने भी किया समर्थन
असम के राजनीतिक दल बीपीएफ के राज्यसभा सांसद विश्वजीत दैमारी ने आर्टिकल 370 हटाने को जम्मू-कश्मीर और देश की सुरक्षा से जोड़ा और कहा कि यह उस राज्य के साथ-साथ देश के लिए भी जरूरी था।
सरकार को अनुच्छेद 370 हटाने पर किसने किया विरोध
जद(यू) ने अनुच्छेद 370 हटाये जाने का विरोध किया
भाजपा की अगुवाई वाले सत्तारूढ़ राजग के प्रमुख घटक दल जनता दल (यू) ने जम्मू कश्मीर से संबंधित संविधान के अनुच्देद 370 को हटाये जाने के बारे में सरकार के सोमवार को राज्यसभा में पेश किये गये संकल्प और राज्य पुनर्गठन विधेयक 2019 का विरोध किया। राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह द्वारा पेश प्रस्ताव और विधेयक पर चर्चा के दौरान जदयू के सदस्य रामनाथ ठाकुर ने कहा कि उनकी पार्टी समान नागरिक संहिता और धारा 370 के मुद्दे को अदालत के फैसले या सभी पक्षों के बीच सहमति से हुये समझौते से निकाले जाने के पक्ष में है। उन्होंने कहा कि इससे इतर किसी अन्य तरीके का विरोध करते हुये उनका दल इस संकल्प और विधेयक का विरोध करते हुये सदन से वाकआउट करते हैं। इसके बाद जदयू के सदस्य सदन से बाहर चले गये।
डीएमके ने किया विरोध
डीएमके अध्यक्ष एम के स्टालिन नेनुच्छेद 370 हटाये जाने का विरोध किया है। एम के स्टालिन ने कहा, ''बिना जम्मू कश्मीर के लोगों की सलाह लिए, आर्टिकल 370 हटा दिया गया। लोकतंत्र की हत्या हुई है। AIADMK भी इस फैसले का समर्थन कर रही है जो कि निंदनीय है।''
कांग्रेस ने किया विरोध
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने के केंद्र सरकार के कदम की आलोचना करते हुए कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि ‘भाजपा की सरकार ने देश का सिर काट लिया है और यह भारत के साथ गद्दारी है।’ राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने यह भी कहा कि सरकार ने चीन और पाकिस्तान की सीमा से लगे संवेदनशील राज्य के साथ खिलवाड़ किया है जिसका उनकी पार्टी और दूसरे विपक्षी दल पुरजोर विरोध करेंगे।
जानिये क्या है आर्टिकल 370?
आर्टिकल 370 के प्रावधान के तहत जम्मू कश्मीर को विशेषाधिकार दिए जाते हैं। इसके अनुसार भारतीय संसद द्वारा पारित कोई भी प्रस्ताव, नियम या नीति में बदलाव जम्मू कश्मीर पर लागू नहीं होता। जम्मू कश्मीर राज्य का अपना संविधान और झंडा है। देश में घोषित आपातकाल या आर्थिक आपातकाल कश्मीर में लागू नहीं होता। भारत की संसद जम्मू कश्मीर की विधानसभा भंग नहीं कर सकती। अनुसूचित जाति और अनिसूचित जनजाति सम्बंधी नियम जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होते। (समाचार एजेंसी पीटीआई इनपुट के साथ)