गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने बुधवार को विधानसभा पहुंचे। राज्य विधानसभा में 2019. 20 का राजस्व अधिशेष वाला बजट पेश किया। अग्नाशय संबंधी बीमारी से जूझ रहे पर्रिकर ने बुधवार को विधानसभा में कुर्सी पर बैठकर बजट पेश किया। उनकी नाक में ट्यूब लगी हुई थी।
वहां उन्होंने कहा- ''आज एक बार फिर में वादा करता हूं कि मैं पूरी ईमानदारी, निष्ठा और समर्पण के साथ अपनी आखिरी सांस तक गोवा की सेवा करता रहूंगा. एक जोश है जो बहुत ज्यादा है और मैं पूरे होश में हूं।'' मनोहर पर्रिकर पिछले कुछ महीनों से गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। मनोहर पर्रिकर अग्न्याशय की बीमार से पीड़ित हैं और नई दिल्ली के एम्स में इलाज कराने के बाद वह पिछले साल अक्टूबर में अपने घर लौट गए थे।
कांग्रेस की ओर से तंज कसने के बाद पर्रिकर ने यह टिप्पणी की। हाल में कांग्रेस ने कहा था कि बीजेपी नेतृत्व वाली राज्य सरकार "धराशायी" हो गयी है और राज्य पर कर्ज बढ़ता जा रहा है।गोवा कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गिरीश चोडांकर ने सोमवार को कहा था, "पहले होश में आओ, बाद में जोश की बात करो।"
उन्हें जवाब देते हुए पर्रिकर ने बुधवार को कहा, "मैं जोश के साथ बजट पेश कर रहा हूं। मुझमें बहुत जोश है और पूरे होश में हूं।" उन्होंने कहा कि वह आखिरी सांस तक राज्य की सेवा करते रहेंगे। इसके बाद पर्रिकर ने बजट पेश किया, जिसमें बिजली खरीद सहित कुल बजटीय खर्च 19,548.69 करोड़ रखा गया है। यह पिछले साल की तुलना में 14.16 प्रतिशत अधिक है। वित्त वर्ष 2018-19 में कुल 17,123.98 करोड़ रुपये का व्यय बजट था। उन्होंने कहा, "राजस्व अधिशेष 455.10 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।"
बजट में पेश की गई बात
पर्रिकर ने अपने भाषण में कहा कि कुल राजस्व व्यय 13,308.26 करोड़ रुपये जबकि कुल पूंजीगत व्यय 4,987.45 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।
बजट पढ़ने के दौरान पर्रिकर की आवाज धीमी होने लगी तो विधानसभा अध्यक्ष प्रमोद सावंत ने उन्हें बीच में रोका और बजट की प्रतियों को सदन के सदस्यों के बीच बंटवाने के लिए कहा।
पर्रिकर ने कहा कि उनकी सरकार का कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, सूचना प्रौद्योगिकी, रोजगार, ढांचागत अवसंरचना और राज्य के सतत् आर्थिक विकास पर लगातार जोर रहेगा।
इस बीमारी से पीड़ित है गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर
गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर पिछले कुछ दिनों से गंभी बीमारी से जूझ रहे हैं। मनोहर पर्रिकर अग्न्याशय की बीमार से पीड़ित हैं और नई दिल्ली के एम्स में इलाज कराने के बाद वह पिछले साल अक्टूबर में अपने घर लौट गए थे और वहीं से अपना इलाज करा रहे हैं।
गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की बीमारी को लेकर ये भी चर्चा तेज थी कि उसेस कामकाज प्रभावित हो रहा है। जिस पर हाल ही में केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपाद नाइक ने कहा कि गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की बीमारी से राज्य सरकार के काम-काज पर कोई असर नहीं पड़ा है। नाइक ने कहा, ''मुझे नहीं लगता कि पर्रिकर की बीमारी का कोई प्रभाव गोवा सरकार के काम-काज पर पड़ा हो। चीजें अच्छी दिशा में चल रही है।'
राज्य में लौटने के बाद पर्रिकर ने कुछ ही आधिकारिक कार्यक्रमों में हिस्सा लिया था और सार्वजनिक तौर पर भी कम ही दिखे रहे हैं।(पीटीआई इनपुट के साथ)