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Jammu and Kashmir: आतंकी गुटों की आंख की किरकिरी बनने लगे हैं गुलाम नबी आजाद

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: September 15, 2022 17:08 IST

गुलाम नबी आजाद को जम्मू ही नहीं बल्कि कश्मीर की जनता भी अब अपना मसीहा मानने लगी है जिनके प्रति उन्हें आस है कि वे उन्हें अंधेरी सुरंग से निकाल कर उजियारे में ले जाएंगे और यही प्यार, आश्वासन और चाहत आतंकी गुटों को अखरने लगी है।

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ठळक मुद्देगुलाम नबी आजाद जम्मू-कश्मीर में लगातार कई लोगों से कर रहे हैं मुलाकात वे लोगों की समस्याओं को सुनकर उनको सुलझाने का आश्वासन भी दे रहे हैं पूर्व कांग्रेस कार्यकर्ता व अन्य दलों के लोग भी गुलाम नबी आजाद से मिल रहे हैं

जम्मू: कश्मीर से लगभग 300 प्रतिनिधिमंडल पिछले 3 दिनों में पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद से मिल चुके हैं। उन्होंने आजाद को अपना पूरा समर्थन दिया है और उनके सामने आने वाली समस्याओं और मुद्दों से अवगत कराया। आजाद ने उनकी समस्याओं को सुनकर उनको सुलझाने का आश्वासन भी दिया। 

दरअसल गुलाम नबी आजाद को जम्मू ही नहीं बल्कि कश्मीर की जनता भी अब अपना मसीहा मानने लगी है जिनके प्रति उन्हें आस है कि वे उन्हें अंधेरी सुरंग से निकाल कर उजियारे में ले जाएंगे और यही प्यार, आश्वासन और चाहत आतंकी गुटों को अखरने लगी है जिस कारण अब गुलाम नबी आजाद आतंकी गुटों की आंख की किरकिरी बन गए हैं।

आजाद से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडलों में पूर्व विधायक, डीडीसी सदस्य, सरपंच, गैर सरकारी संगठन, ट्रांसपोर्टर, व्यापारी, सामाजिक कार्यकर्ता आदि शामिल हैं। आजाद ने दिन में 10-12 घंटे बिताए और कश्मीर घाटी के विभिन्न हिस्सों के लोगों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की और एक विस्तृत श्रृंखला के प्रश्नों का उत्तर दिया। 

नागरिक समाज के सदस्यों द्वारा उठाए गए मुद्दों के बारे में उन्होंने गंभीर चर्चाएं की हैं। कई डीडीसी सदस्यों, कांग्रेस के पीसीसी पदाधिकारियों ने गुलाम नबी आजाद के साथ एकजुटता दिखाते हुए पार्टी छोड़ दी है। आजकल उनकी दिनचर्या यह हो गई है कि प्रतिनिधिमंडल सुबह करीब 10 बजे गेस्ट हाउस श्रीनगर पहुंचने लगते हैं और रात तक उनका पीछा नहीं छोड़ते। 

चिनाब घाटी से लौटने के बाद अपनी पहली जनसभा को संबोधित करते हुए, आजाद ने अपनी अभी तक नामित पार्टी के एजेंडे और जम्मू कश्मीर के राज्य की बहाली, भूमि की सुरक्षा और सूची के शीर्ष पर अपने निवासियों के नौकरी के अधिकारों को बताया। सभी प्रतिनिधिमंडलों ने आजाद को बिना शर्त समर्थन दिया है और जम्मू कश्मीर में उनकी वापसी का स्वागत किया है। न केवल पूर्व कांग्रेस कार्यकर्ता, बल्कि अन्य दलों के लोग भी आजाद से मिलने के लिए प्रतिनिधिमंडलों के रूप में आ रहे हैं।

आजाद ने प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल को अलग-अलग धैर्यपूर्वक सुना है। उन सभी को उनके पूरे दिल से समर्थन के लिए धन्यवाद दिया है और संबंधित अधिकारियों के साथ उनकी वास्तविक मांगों को उठाने में अपना पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया है।

टॅग्स :गुलाम नबी आजादजम्मू कश्मीर
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