लखनऊः समाजवादी पार्टी (सपा) के गाजीपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीते अफजाल अंसारी ने सोमवार को यह संभावना जताई थी कि सपा मुखिया अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती एक बार फिर मिलकर चुनाव लड़ सकते हैं. यूपी में होने वाले अगले विधानसभा चुनाव में ऐसा हो सकता है. राजनीति में ऐसा होना असंभव नहीं है. पहले भी सपा और बसपा ने यूपी में मिलकर चुनाव लड़ा है. मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी के इस कथन के बाद से सपा में हड़कंप मचा और पार्टी नेताओं सपा और बसपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की संभावनाओं को गलत बताया. पार्टी के सीनियर नेता उदयवीर का कहना है कि अफजाल अंसारी पार्टी के जरूर सांसद है लेकिन वह पार्टी संगठन के फैसले लेने के लिए अधिकृत नहीं हैं.
इसलिए बसपा के साथ सपा के मिलकर चुनाव लड़ने का जो बयान उन्होंने दिया है, उससे पार्टी सहमत नहीं हैं. सपा का कांग्रेस के साथ तालमेल है और उसी के साथ यूपी में हम भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ जनता को एकजुट करेंगे.
मायावती के नजदीकी रहे हैं अफजाल
अफजाल अंसारी गाजीपुर लोकसभा सीट से तीसरी बार चुनाव जीतकर सांसद बने हैं. पांच बार वह विधानसभा चुनाव भी जीते हैं. बाहुबली मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजाल अंसारी वर्ष 2019 में बसपा के टिकट पर चुनाव जीते थे. इस बार वह अखिलेश यादव के साथ आ गए तो भी मायावती ने उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया. उन्हें पार्टी से भी नहीं निकाला.
जबकि सपा में आए अन्य नेताओं को उन्होंने पार्टी से निकाल दिया था. कहा जा रहा है कि इसी वजह से अफजाल अंसारी बसपा के प्रति नर्म रुख भी रखते हैं. उनका कहना है कि मायावती ने उनके छोटे भाई मुख्तार को गरीबों का मसीहा तक कहा था. हालांकि बाद में मायावती ने मुख्तार और अफजाल दोनों को ही पार्टी से निकाल दिया था.
लेकिन फिर 2019 में अफजाल अंसारी को उन्होने गाजीपुर सीट से चुनाव लड़ाया. उस चुनाव में दलित-मुस्लिम वोटों के बल पर अफजाल अंसारी ने भाजपा के मनोज सिन्हा को हार दिया था. इस बार भी अफजाल अपने पुराने वोटबैंक के भरोसे भाजपा के उम्मीदवार को हराने में सफल हुए. चुनाव में मिली इस जीत के लिए अफजाल अंसारी बसपा सुप्रीमो मायावती को भी शुक्रिया कह रहे हैं.
अफजाल कहते हैं, बहन जी ने हमेशा उनका मान-सम्मान रखा है. और वह दिल से चाहते है कि यूपी में गरीब लोगों के हक ही आवाज को बुलंद करने के लिए बदलते राजनीतिक हालात में सपा और बसपा को साथ होना चाहिए.अपनी इस सोच के चलते ही उन्होने यह कहा कि अगले विधानसभा चुनाव में सपा और बसपा मिलकर चुनाव लड़ सकते हैं.
अफजाल के इस कथन पर सपा ने असमति जता दी है. इसके साथ ही अफजाल अंसारी को भी यह बता दिया है कि भविष्य में वह इस तरह से भ्रम फैलाने वाले बयान ना दें और पार्टी संगठन को क्या करना चाहिए इसे लेकर सार्वजनिक रूप से अपनी सलाह देने से बचे.