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Ganga Godavari Sangh In Nashik: गोदावरी नदी की यात्रा के दौरान आगंतुक पुस्तिका में पीएम मोदी ने क्या लिख दी, यहां पढ़े

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 13, 2024 14:08 IST

Ganga Godavari Sangh In Nashik: महाराष्ट्र की एक दिवसीय यात्रा पर मोदी ने शहर में एक रोड शो किया और गोदावरी के किनारे स्थित प्रसिद्ध कालाराम मंदिर में दर्शन भी किये।

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ठळक मुद्देस्थान पर आने और 'गंगा पूजन' करने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं।नासिक के पास से निकलने वाली गोदावरी नदी को अक्सर गंगा कहकर बुलाते हैं।प्रधानमंत्री ने नदी के किनारे स्थित 'रामकुंड' में प्रवेश किया और गोदावरी नदी की पूजा की।

Ganga Godavari Sangh In Nashik: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गोदावरी नदी की यात्रा के दौरान यहां गंगा गोदावरी पंचकोटि पुरोहित संघ के कार्यालय में आगंतुक पुस्तिका में 'जय श्री राम' लिखा। महाराष्ट्र की एक दिवसीय यात्रा पर मोदी ने शहर में एक रोड शो किया और गोदावरी के किनारे स्थित प्रसिद्ध कालाराम मंदिर में दर्शन भी किये।

पुरोहित संघ के अध्यक्ष सतीश शुक्ला ने कहा, ‘‘उन्होंने (प्रधानमंत्री मोदी) आगंतुक पुस्तिका में 'जय श्री राम' लिखा और हस्ताक्षर किए। वह इस स्थान पर आने और 'गंगा पूजन' करने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं।’’ स्थानीय लोग नासिक के पास से निकलने वाली गोदावरी नदी को अक्सर गंगा कहकर बुलाते हैं। शुक्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री ने नदी के किनारे स्थित 'रामकुंड' में प्रवेश किया और गोदावरी नदी की पूजा की।

शुक्ला ने कहा कि मोदी ने 'संकल्प' लिया कि वह हमेशा 'भारत माता' की सेवा करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को नासिक में भगवान राम के प्रख्यात कालाराम मंदिर में पूजा-अर्चना की और 'भजन-कीर्तन' में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने झांझ-मजीरे भी बजाए।

महाराष्ट्र के एक दिवसीय दौरे पर आए प्रधानमंत्री ने शहर के पंचवटी क्षेत्र में गोदावरी नदी के किनारे स्थित मंदिर में दर्शन करने से पहले शहर में एक रोड शो भी किया। प्रधानमंत्री का यह दौरा 22 जनवरी को अयोध्या में भव्य राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से ठीक 10 दिन पहले हुआ।

कालाराम मंदिर के न्यासी वकील अनिकेत निकम और धनंजय पुजारी ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया। इस बीच सड़क के दोनों ओर लोगों ने 'जय श्री राम' के नारे लगाए। मोदी ने मंदिर में भगवान गणेश और भगवान राम का 'पूजन' एवं 'आरती' की जिसमें मुख्य पुजारी, महंत सुधीरदास पुजारी ने अनुष्ठान कराया।

प्रधानमंत्री ने मंदिर की प्रदक्षिणा (परिक्रमा) की और 'भजन-कीर्तन' में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने अन्य भक्तों के साथ झांझ-मजीरे बजाए। मंदिर के न्यासी सदस्यों ने उन्हें शॉल, प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह, भगवान राम की चांदी की मूर्ति और मंदिर के देवताओं भगवान राम, सीता एवं लक्ष्मण की तस्वीरें देकर सम्मानित किया।

मंदिर में उन्हें पंजीरी (प्रसाद) दिया गया। प्रधानमंत्री ने इस दौरान महाकाव्य रामायण की कथा सुनी। उन्होंने विशेष रूप से 'लंका कांड' वाला खंड सुना जिसमें भगवान राम की अयोध्या वापसी का गान है। रामायण को मराठी में प्रस्तुत किया गया और मोदी ने एआई अनुवाद के माध्यम से हिंदी संस्करण को सुना। मोदी ने मंदिर के पास स्वामी विवेकानन्द की प्रतिमा पर भी श्रद्धांजलि अर्पित की।

रामायण से जुड़े स्थानों में पंचवटी का विशेष स्थान है क्योंकि रामायण की कई महत्वपूर्ण घटनाएं इसी स्थान पर घटी थी। पंचवटी का अर्थ है पांच बरगद के पेड़ों वाली भूमि। किंवदंती है कि भगवान राम ने यहां अपनी कुटिया स्थापित की थी क्योंकि पांच बरगद के पेड़ों की उपस्थिति ने इस क्षेत्र को शुभ बना दिया था। 

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