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Gandhi Jayanti 2023: देशभर में वो कौन सी जगहें हैं, जहां पहुंचते ही दिखने लगेगा बापू का जीवन

By आकाश चौरसिया | Updated: October 1, 2023 10:42 IST

इस बार 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी 154 वां जन्मदिवस देशभर में मनाया जाएगा। इस खास समय पर हम आपको उन जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां बापू ने अपने जीवनकाल के अहम पल बिताएं। यहां पहुंचकर आप बापू के बारे में जान सकते हैं।  

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ठळक मुद्देबापू का 154 वें  जन्मदिवस 2 अक्टूबर को मनाया जाना हैखास समय पर हम आपको उन जगहों के बारे में बताएंगे जहां बापू ने अपना जीवन गुजारा हैइन जगहों पर रहकर उन्होंने संघर्ष किया और आजादी की लड़ाई लड़ी है

नई दिल्ली: गांधी जयंती को बापू के 154 वें  जन्मदिवस के रूप में हर साल 2 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस खास समय पर हम आपको उन जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां बापू ने अपने जीवनकाल के अहम पल बिताएं। 

इन जगहों पर रहकर उन्होंने अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष की पटकथा भी लिखी। इन्हीं संघर्षों में बनाई गई रणनीतियों को भी पास से जाना जा सकता है और उन्हीं के आधार पर देश को आजादी मिलने में भी वर्ष 1947 में काफी मदद मिली। यह जानना हम सबके लिए बेहद जरुरी है।    

महात्मा गांधी ने अहिंसा, सहिष्णुता और त्याग पर काफी जोर दिया है जिसके चलते वो आम लोगों के लिए एक मशीहा के रुप में हमेशा से रहे हैं।  

सूची में पहला नाम साबरमती नदी किनारे स्थित साबरमती आश्रम है जो गुजरात के अहमदाबाद में है। अपने में खास है क्योंकि यहां पर बहुत शांत वातावरण रहता है, इसलिए यह घुमने के लिए एक बढ़िया जगह है। यह जगह संग्राहलय और शैक्षिक स्थल बनने से पहले तक यही महात्मा गांधी का घर था। अगर कोई भी यहां जाता है तो वह स्वतंत्रता आंदोलन की भावना को जरुर महसूस करेगा। 

दूसरी तरफ मणि भवन है जो महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में पड़ता है। यहां आप पहुंचकर महात्मा गांधी द्वारा विरोधियों को पस्त करने के लिए बनाई रणनीतियों और आंदोलनों की रुप रेखा तैयार करने की भूमिका को ध्यान से देख सकते हैं। 

यहां पर बापू ने अपना कुछ समय बिताया है लेकिन, अब यह स्थल संग्राहलय के रूप में बदल चुका है। आप यहां पहुंचकर शहरी वातावरण के साथ उनके जीवन में आई कठिनाइयों को के बारे में जान सकते हैं।  

इनके अलावा आप दक्षिण में मदुरै की भी यात्रा पर जा सकते हैं और गांधी मेमोरियल संग्रहालय को भी देख सकते हैं। यहां पर भारत की संघर्ष यात्रा के बारे में बहुत कुछ जानने को मिलता है। वहां पर प्रदर्शनी के तौर पर एक धोती को भी दिखाया गया है। यह धोती उस समय की है जब गांधी जी को गोली लगी और वह लहूलुहान अवस्था में थे। धोती में उनके शरीर पर पड़े खून के निशान हैं जो अभी तक मिटे नहीं। इसलिए यह भी उनके द्वारा देश के लिए न्यौछावर किए गए बलिदान की याद दिलाती है। 

इसके साथ ही दिल्ली में स्थित राजघाट है जो एक राष्ट्रीय तीर्थस्थल के रूप में जाना जाता है। यहां शांति के साथ बापू को नमन करने का एक खास मौका सभी को मिलता है। उनकी जयंती के दौरान लोग यहां पहुंचकर बापू की स्मृति पर फूल चढ़ाते हैं और प्रार्थना भी करते हैं। जयंती के दिन भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री भी राष्ट्रपिता को सम्मानित करने के लिए राजघाट जाते हैं।

वहीं, गुजरात के नवसारी में दांडी गांव है जहां गांधी ने 'नमक मार्च' निकाला जिसे बापू ने ब्रिटिश शासनकाल के द्वारा नमक कर लगाने का विरोध करने के लिए यह रुख अख्तियार किया। यह भी एक स्थल है जहां जाकर गांधी जी को याद कर उनके किए कामों को सामने से देख सकते है।   

यदि कोई महात्मा गांधी को गहराई से जानने में दिलचस्पी रखता है तो वह महाराष्ट्र के जलगांव शहर जाएं। यहां से महात्मा गांधी के जीवन के बारे में जानने को मिलेगा और अकादमिक स्तर पर भी काफी किताबें पढ़ने को मिलती है।  

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