नई दिल्ली: भारत और चीन के सैनिकों के बीच गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (19 जून) को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। इस बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, 'मैं आप सभी को, सभी राजनीतिक दलों को फिर से ये आश्वस्त करता हूं कि हमारी सेनाएं, सीमाओं की रक्षा करने में पूरी तरह सक्षम हैं। हमने उन्हें यथोचित कार्रवाई के लिए पूरी छूट दी हुई है।' इस बैठक के बाद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर कांग्रेस ने आज (20 जून) को फिर से सवाल उठाए हैं, जिसको लेकर कई राज्य के मुख्यमंत्रियों ने ट्वीट कर कहा है कि वह नरेंद्र मोदी सरकार के साथ हैं। आइए जानें किसने क्या कहा है...?
- तेलंगाना CM चंद्रशेखर राव के ऑफिस के ओर से ट्वीट कर कहा गया है, ''वक्त राजनीति का नहीं रणनीति का है। हमारी राजनीति में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन हम अपनी देशभक्ति से एकजुट हैं। पीएम ने हमारी ओर से बात की जब उन्होंने सशस्त्र बलों को श्रद्धांजलि दी और आश्वासन दिया कि भारत के हितों की हमेशा रक्षा की जाएगी। सर्वदलीय बैठक से हम बहुत खुश हैं।''
- आंध्र प्रदेश के सीएम जगनमोहन रेड्डी ने कहा, कल हुई सर्वदलीय बैठक को लेकर जानबूझकर शुरू किए गए विवाद को लेकर चिंतित हूं। यह सेना के साथ एकता दिखाने और साथ खड़े होने का वक्त है। किसी की कमियां ढूंढने का वक्त नहीं है।
सीएम जगनमोहन रेड्डी ने कहा, पीएम मोदी और अन्य मंत्रियो ने सर्वदलीय बैठक में काफी अच्छे जवाब दिए। देश इस मुद्दे पर एक है और एक होना चाहिए भी। एकता में बल है और बंटे होने से कमजोरी दिखती है।
- सिक्किम के सीएम प्रेम सिंह तमांग ने कहा, सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी के बयान से भारत का चीन को लेकर स्टैंड बिल्कुल साफ हो गया। इससे आश्ववस्त करने वाला था कि देशहित से समझौता नहीं करेगी। हर किसी को इस बात का भरोसा था कि बुरी नीयत से निपटने में हमारी सेना सक्षम है।
प्रधानमंत्री ने भारतीय क्षेत्र चीन को सौंप दिया: कांग्रेस
कांग्रेस ने लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान को ‘चकित और हतप्रभ’ करने वाला करार देते हुए शनिवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीनी आक्रामकता के आगे भारतीय क्षेत्र उसे सौंप दिया। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने यह सवाल भी किया कि अगर यह भूमि चीन की थी तो हमारे सैनिक क्यों शहीद हुए और कहां शहीद हुए? उन्होंने ट्वीट किया, "प्रधानमंत्री ने चीनी आक्रामकता के आगे भारतीय क्षेत्र को चीन को सौंप दिया है।''
-कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के हालिया बयानों के वीडियो शेयर करते हुए तंज किया, ‘‘राजा बोला रात है, रानी बोली रात है, मंत्री बोला रात है, संतरी बोला रात है, यह सुबह सुबह की बात है।’’
-पार्टी के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने भी प्रधानमंत्री के बयान को लेकर उन पर निशाना साधा और सवाल किया कि अगर प्रधानमंत्री ने लद्दाख की सही स्थिति के बारे में बताया है तो फिर 20 जवानों का सर्वोच्च बलिदान क्यों हुआ और पिछले कुछ हफ्तों में चीन के साथ सैन्य स्तर पर किस विषय को लेकर बातचीत हो रही थी? उन्होंने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री ने कहा कि लद्दाख में भारतीय सीमा में कोई बाहरी नहीं आया। यह स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री का बयान सेना प्रमुख, रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री के पहले के बयानों के विपरीत है। उनका बयान हमें चकित और हतप्रभ कर गया।’’
-कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘‘ गलवान घाटी हमेशा से भारत का हिस्सा रहा है और चीन ने इससे पहले पूरी गलवान घाटी पर अपना दावा नहीं किया था। अब उसने दावा किया है। प्रधानमंत्री के बयान से सवाल उठता है कि क्या भारत की संप्रभुता को कमजोर किया जा रहा है? उम्मीद है कि प्रधानमंत्री और सरकार इस पर स्पष्टीकरण देंगे।’’
पीएमो ने कहा- पीएम मोदी की टिप्पणी पर कुछ हलकों में ‘‘शरारतपूर्ण व्याख्या’’ की कोशिश की जा रही है
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-चीन तनाव पर शुक्रवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कहा था कि न कोई हमारे क्षेत्र में घुसा और न ही किसी ने हमारी चौकी पर कब्जा किया है। उधर, प्रधानमंत्री कार्यालय ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सर्वदलीय बैठक में की गई टिप्पणियों को लेकर कुछ हलकों में ‘‘शरारतपूर्ण व्याख्या’’ की कोशिश की जा रही है।
भारत के 20 जवान हुए शहीद, चीन की सेना ने नहीं बताए हताहत की संख्या
गलवान घाटी में सोमवार रात (15 जून) हुई हिंसक झड़प 45 साल के इतिहास में दोनों देशों के बीच सीमा पर सबसे बड़े टकराव वाली घटना थी। इसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए, वहीं चीन की सेना ने अपने मारे गए जवानों की संख्या नहीं जाहिर की है। पिछले पांच दशक से भी ज्यादा समय में सबसे बड़ी सैन्य झड़प के कारण क्षेत्र में सीमा पर पहले से जारी गतिरोध और भड़क गया है।
भारतीय वायुसेना ने चीन के साथ लगती 3500 किलोमीटर वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास सभी अग्रिम अड्डों को अलर्ट कर दिया है और संघर्ष के बाद तैयारियों के तहत लड़ाकू विमान और हमलावर हेलीकॉप्टर जैसे अतिरिक्त संसाधनों की तैनाती की है।