G20 Summit 2023: नई दिल्ली में आयोजित 18वें जी20 शिखर सम्मेलन की शुरुआत हो गई है और भारत इस पहली बार इसकी मेजबानी कर रहा है। ये न सिर्फ मोदी सरकार के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
शिखर सम्मेलन में यूरोपीय संघ के 30 से अधिक राष्ट्राध्यक्ष और शीर्ष अधिकारी और आमंत्रित अतिथि देशों और 14 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुख भाग ले रहे हैं।
भारत 9-10 सितंबर को राष्ट्रीय राजधानी में प्रगति मैदान में बने भारत मंडपम में जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। इस दौरान सम्मेलन में शामिल देशों के प्रतिनिधियों का आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भव्यता के साथ स्वागत किया है।
वहीं, सभा को संबोधित करते समय पीएम मोदी की टेबल के आगे जो नेम प्लेट लगी उसने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है। दरअसल, प्रधानमंत्री की टेबल के आगे 'इंडिया' न लिखकर 'भारत' लिखा हुआ था। इतने बड़े मंच पर इंडिया की जगह भारत नाम एक बड़ा संदेश दे रहा। जाहिर है कि सरकार सदस्य देशों को एक बड़ा संदेश दे रही है।
देश का नाम इंडिया से भारत किए जाने को लेकर केंद्र सरकार और विपक्ष में तनातनी जारी है। इस बीच खबर है कि 18 सितंबर को आयोजित होने वाले विशेष सत्र के दौरान भारत का नाम इंडिया हटाकर भारत रख दिया जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि सरकार इस काम को जल्द करेगी और आधिकारिक रूप से इंडिया की जगह देश का नाम भारत हो जाएगा।
गौरतलब है कि इस मुद्दे ने उस वक्त तूल पकड़ा था जब जी20 बैठक के दौरान होने वाले रात्रि भोजन का निमंत्रण द्रौपदी मुर्मू की तरफ से भेजा गया था।
इस दौरान आधिकारिक न्योते में प्रेसिडेंट और इंडिया की जगह प्रेसिंडेट और भारत लिखा हुआ था। हालांकि, अभी तक केंद्र सरकार की तरफ से इस पर किसी तरह की टिप्पणी नहीं की गई है।
जी20 शिखर सम्मेलन में कितने देश ले रहे हिस्सा?
जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले देशों में नाइजीरिया, अर्जेंटीना, इटली, एयू (कॉम्रोस द्वारा प्रतिनिधित्व) और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। इसके अलावा बांग्लादेश, यूनाइटेड किंगडम, जापान सऊदी अरब, कोरिया गणराज्य, मिस्र, ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, चीन, संयुक्त अरब अमीरात, ब्राजील, इंडोनेशिया, तुर्की स्पेन, जर्मनी, फ्रांस, मॉरीशस, यूरोपीय संघ और सिंगापुर।
शनिवार को शुरू हुए जी20 शिखर सम्मेलन के लिए दिल्ली पहुंचे नेताओं का गर्मजोशी से स्वागत किया गया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्वास जताया कि विश्व नेताओं का जमावड़ा मानव-केंद्रित और समावेशी विकास में एक नया रास्ता तय करेगा।
राष्ट्रीय राजधानी पहुंचने वाले नेताओं में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन, ब्रिटेन के प्रधान मंत्री ऋषि सुनक, बांग्लादेश की प्रधान मंत्री शेख हसीना, इतालवी प्रधान मंत्री जियोर्जिया मेलोनी, अर्जेंटीना के राष्ट्रपति अल्बर्टो फर्नांडीज और जापान के प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा शामिल हैं। नेताओं का स्वागत पारंपरिक नृत्य प्रस्तुतियों से किया गया। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा भी भारत पहुंचे।
राजधानी पहुंचने वाले अन्य नेताओं में चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस, ओमान के उप प्रधान मंत्री असद बिन तारिक बिन तैमूर, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति यूं सुक येओल, मिस्र के राष्ट्रपति अल-सिसी शामिल हैं।
संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान, ऑस्ट्रेलियाई प्रधान मंत्री एंथनी अल्बनीस, कनाडाई प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो, तुर्किये राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन, इंडोनेशियाई राष्ट्रपति जोको विडोडो, सिंगापुर के प्रधान मंत्री ली ह्सियन लूंग और ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा।
अफ्रीकी संघ के अध्यक्ष अज़ाली असौमानी, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस, अर्जेंटीना के राष्ट्रपति अल्बर्टो एंजेल फर्नांडीज, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा, मॉरीशस के प्रधान मंत्री प्रविंद कुमार जुगनौथ आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) के सचिव- जनरल, मैथियास कॉर्मन, विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के महानिदेशक नगोजी ओकोन्जो-इवेला, यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन भी दिल्ली पहुंचे।