नयी दिल्ली, दो अप्रैल मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण की चौथी लहर चल रही है लेकिन लॉकडाउन पर अब तक विचार नहीं किया गया है। उन्होंने केंद्र से राज्यों को बड़े स्तर पर टीकाकरण चलाने की अनुमति देने का भी अनुरोध किया।
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में लॉकडाउन लगाने की जरूरत हुई तो लोगों से विचार-विमर्श के बाद यह फैसला किया जाएगा। उन्होंने साथ ही कहा कि चौथी लहर की स्थिति पूर्व की तुलना में उतनी गंभीर नहीं है क्योंकि मौत के कम मामले आए हैं और अस्पताल में भर्ती कराने की भी कम जरूरत पड़ी है।
हालांकि केजरीवाल ने कहा, ‘‘यह चिंता की बात है क्योंकि कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। सरकार स्थिति पर नजर रखे हुए है और सभी जरूरी कदम उठा रही है।’’
उच्च स्तरीय बैठक के बाद केजरीवाल ने सुझाव दिया कि केंद्र को बड़े स्तर पर टीकाकारण का मार्ग प्रशस्त करने के लिए 45 साल से ज्यादा की उम्र की शर्तों को खत्म कर देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अगर केंद्र स्कूलों जैसे गैर स्वास्थ्य केंद्रों पर टीकाकरण की अनुमति देता है तो वायरस के प्रसार को रोकने के लिए युद्ध स्तर पर टीकाकरण हो सकता है।
केजरीवाल ने वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लोगों से भी मास्क पहनने, उचित दूरी बनाए रखने और लगातार हाथ धोने की अपील की।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मौजूदा स्थिति पर विचार करते हुए हम लॉकडाउन लगाने पर विचार नहीं कर रहे हैं। हम हालात पर करीबी नजर रखे हुए हैं और लोगों से विचार-विमर्श के बाद ही इस तरह का फैसला किया जाएगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘देश में कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। दिल्ली में भी संक्रमण के मामलों में वृद्धि हो रही है। शहर में 16 मार्च को 425 मामले आए थे। नयी रिपोर्ट के मुताबिक मामले 3583 तक पहुंच गए हैं। देश के लिए यह दूसरी लहर है लेकिन को चौथी लहर का सामना करना पड़ रहा है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साल अक्टूबर में संक्रमण की जैसी स्थिति थी उसकी तुलना में चौथी लहर की स्थिति उतनी गंभीर नहीं है।
केजरीवाल ने कहा, ‘‘हमने देखा था कि अक्टूबर में रोज 3,000 से 4,000 नए मामले आ रहे थे। उस समय आईसीयू में करीब 1700 मरीज भर्ती थे। आज करीब 800 हैं। उस समय रोज 40 लोगों की मौत हो रही थी अब 10-12 लोगों की मौत हो रही है। इस नयी लहर की स्थिति उतनी गंभीर नहीं है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘एक योजना तैयार की गयी है कि किस चरण में निजी और सरकारी अस्पतालों में आईसीयू बेड की संख्या बढ़ायी जाएगी। हमने कदम उठाने की योजना तैयार कर ली है।’’
केजरीवाल ने कहा कि मुख्य चिंता यह है कि वायरस के प्रसार को किस तरह रोका जाए, अस्पताल की व्यवस्था को मजबूत किया जाए और बड़े स्तर पर टीकाकरण अभियान चलाया जाए।
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