नई दिल्ली: पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने वाले ब्रह्मोस के पूर्व इंजीनियर निशांत अग्रवाल को आज नागपुर कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उनपर आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम (ओएसए) के तहत सेक्शन 3 और सेक्शन 5 सजा सुनाई गई और साथ में 3000 रु फाइन लगाया। ब्रह्मोस एरोस्पेस के सीनियर सिस्टम इंजीनियर रह निशांत अग्रवाल को पाकिस्तानी एजेंसी को खुफिया जानकारी लीक करने के मामले में साल 2018 में हिरासत में लिया गया था।
विशेष लोक अभियोजक ज्योति वाजानी ने कहा, "अदालत ने अग्रवाल को आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत आजीवन कारावास और 14 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई और ₹3,000 का जुर्माना लगाया।"
ब्रह्मोस एरोस्पेस भारत के रक्षा क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी और एक रूसी कंपनी के साथ साझेदारी में काम करने वाली ब्रह्मोस एयरोस्पेस, जमीन, हवा और समुद्र से लॉन्च करने की क्षमता के साथ भारत की सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के निर्माण में सहायक है।
अपनी सेवा के दौरान निशांत अग्रवाल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'फेसबुक' के जरिए उन्होंने सुपरसोनिक मिसाइल तकनीकी से जुड़ी संवेदनशील जानकारी पाकिस्तान बेस्ड आईएसआई को दी। यह पूरी बातचीत दो अकाउंट नेहा शर्मा और पूजा रंजन के बीच हुई, इस बात की जानकारी भारत की जांच कर रही एजेंसी ने दी है।
एजेंसियों ने बताया कि निशांत अग्रवाल अपने दृष्टिकोण और लापरवाह रवैये के कारण आसानी से ऑनलाइन के जरिए टारगेट हुए है। उसने खुद को पाकिस्तानी स्थित हैंडलर्स से प्रभावित होने दिया और ब्रह्मोस मिसाइल के बारे में संवेदनशील जानकारी साझा की।
निशांत कुमार के सहयोगियों ने क्या कहा..निशांत कुमार ने पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी के साथ संवेदनशील जानकारी साझा की थी, उनके सहयोगियों के लिए विशेष रूप से चौंकाने वाला था क्योंकि उन्होंने कहा कि वह एक उज्ज्वल भविष्य वाला एक मेहनती, प्रतिभाशाली कर्मचारी था। भारत की प्रमुख रक्षा अनुसंधान एजेंसी, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने विभिन्न प्रौद्योगिकियों के विकास में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए उन्हें युवा वैज्ञानिक पुरस्कार से सम्मानित किया।