पटना: राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू यादव को आज जैसे ही रांची की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने चारा घोटाले के एक अन्य मामले में दोषी करार दिया गया है। रांची से लेकर पटना तक राजद समर्थकों में मायूसी छा गई।
अब इस मामले में लालू यादव के छोटे बेटे और बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कोर्ट के फैसले का सम्मान है लेकिन इसे अंतिम फैसला नहीं मानना चाहिए। राजद प्रमुख सभी मामलों में बरी होंगे और पूरा राजद परिवार उनके साथ खड़ा है।
दरअसल आज सीबीआई कोर्ट ने डोरंडा कोषागार से चारा के नाम पर किये गये अवैध धन निकासी के मामले में लालू यादव को दोषी पाया है। यह घटना साल 1990 से 1995 के बीच की है जब लालू यादव अविभाजित बिहार के मुख्यमंत्री हुआ करते थे।
पशुपालन मंत्रालय लालू प्रसाद यादव के अधीन हुआ करता था। सबसे ज्यादा धन की निकासी इसी डोरंडा कोषागार से ही हुआ था। सरकारी दस्तावेज बताते हैं कि 139 करोड़ रुपये की निकासी हुई थी।
अब जब इस मा्मले में लालू यादव जेल की दहलीज पर खड़े हैं। उनके बेटे तेजस्वी यादव ने मामले में अपना पक्ष रखा है। समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए तेजस्वी ने कहा, "कोर्ट का आदेश सभी को मानना चाहिए। यह अंतिम फैसला नहीं है। 6 बार सजा सुनाई गई, हमने सभी मामलों के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है तो यह अंतिम निर्णय नहीं है। लालू जी जरूर बरी होंगे। हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट है।"
सीबीआई कोर्ट ने आज लालू यादव को दोषी तो बता दिया है लेकिन मामले में कोर्ट 18 फरवरी को सजा का ऐलान करेगा। इससे पहले कोर्ट ने मामले में 29 जनवरी को सुनवाई पूरी करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे आज सुनाया गया।
लालू प्रसाद चारा घोटाले के चार अन्य मामलों में पहले से ही सजायाफ्ता हैं और कोर्ट ने उन्हें 14 साल जेल की सजा सुना चुकी है। आज स्पेशल सीबीआई जज एस के शशि ने लालू यादव को दोषी ठहराया है।
डोरंडा चाार घोटाले में लालू यादव समेत कुल 170 आरोपियों छे। इनमें से 55 की मौत केस की सुनवाई के दौरान हो गई। वहीं 7 आरोपी सरकारी गवाह बन गये थे। दो नेआरोपियों ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया था और 6 आरोपी अभी भी इस मामले में फरार चल रहे हैं।
डोरंडा चारा घोटाले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के अलावा पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, तत्कालीन लोक लेखा समिति (पीएसी) के अध्यक्ष ध्रुव भगत, पशुपालन सचिव बेक जूलियस और पशुपालन सहायक निदेशक डॉक्टर केएम प्रसाद मुख्य आरोपी हैं।