पहली बार CAA के तहत 14 लोगों को नागरिकता प्रमाण पत्र सौंपे गए, गृह मंत्रालय ने दी जानकारी
By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: May 15, 2024 17:11 IST2024-05-15T17:00:53+5:302024-05-15T17:11:19+5:30
गृह मंत्रालय ने बुधवार को नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के तहत 14 लोगों को नागरिकता प्रमाण पत्र सौंपे। CAA का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद ये पहली बार है जब आवेदन करने वाले लोगों को नागरिकता प्रमाण पत्र जारी किया गया है।

(फाइल फोटो)
नई दिल्ली: गृह मंत्रालय ने बुधवार को नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के तहत 14 लोगों को नागरिकता प्रमाण पत्र सौंपे। CAA का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद ये पहली बार है जब आवेदन करने वाले लोगों को नागरिकता प्रमाण पत्र जारी किया गया है। केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने आवेदकों को नागरिकता प्रमाणपत्र सौंपे।
The first set of citizenship certificates after notification of Citizenship (Amendment) Rules, 2024 were issued today. Union Home Secretary Ajay Kumar Bhalla handed over citizenship certificates to some applicants in New Delhi today. Home Secretary congratulated the applicants… pic.twitter.com/RBTYSreN9O
— ANI (@ANI) May 15, 2024
इसकी जानकारी देते हुए गृह मंत्रालय ने कहा, "नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 की अधिसूचना के बाद नागरिकता प्रमाणपत्रों का पहला सेट आज जारी किया गया। केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने आज नई दिल्ली में कुछ आवेदकों को नागरिकता प्रमाणपत्र सौंपे। गृह सचिव ने आवेदकों को बधाई दी और इसकी (नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024) मुख्य विशेषताओं पर प्रकाश डाला।"
बता दें कि इस कानून को लेकर काफी विवाद भी हो चुका है। कांग्रेस समेत तमाम दल इसके विरोध में हैं और कह चुके हैं कि अगर लोकसभा चुनाव 2024 के बाद विपक्षी गठबंधन की सरकार बनती है तो नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2024 को निरस्त किया जाएगा। दूसरी तरफ बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए हिंदू, बौद्ध, जैन, ईसाई, सिख और पारसी समुदायों को नुकसान पहुंचाने पर तुली हुई है।
शाह ने कहा है कि कांग्रेस या कोई भी सीएए को छूने की हिम्मत कर सकता है। बीजेपी ने कहा है कि विपक्ष कानून का विरोध कर रहा है क्योंकि इससे हिंदू शरणार्थियों को नागरिकता पाने में मदद मिलेगी। बता दें कि ममता बनर्जी ने भी हाल ही में दावा किया था कि अगर विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ सत्ता में आता है, जिसमें राष्ट्रीय स्तर पर तृणमूल भी एक हिस्सा है, तो वह संसद में एक नया कानून लाकर सीएए को रद्द कर देगा। केंद्र ने पिछले महीने सीएए लागू किया था। संसद द्वारा यह कानून पारित किए जाने के चार साल बाद इससे संबंधित नियमों को अधिसूचित किया गया था।
यह कानून पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 से पहले बिना दस्तावेजों के भारत आए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को तेजी से नागरिकता प्रदान करने के लिये बनाया गया था।