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Farmer Protest: दिल्ली समेत हरियाणा-पंजाब में हालात तनावपूर्ण, राज्य सीमाओं पर युद्ध जैसे दृश्य, कई जगहों पर पुलिस-किसानों में हुई झड़प, जानिए ताजा हाल

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: February 15, 2024 08:47 IST

किसान प्रदर्शन के कारण सीमावर्ति राज्य हरियाणा और पंजाब में हालात बेहद तनावपूर्ण बने हुए हैं। दिल्ली से सटे हरियाणा सीमा पर बीते बुधवार को कई जगहों पर किसानो और पुलिस के बीच जमकर झड़प हुई।

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ठळक मुद्देकिसान प्रदर्शन के कारण सीमावर्ति राज्य हरियाणा और पंजाब में हालात बेहद तनावपूर्ण बने हुए हैंदिल्ली से सटे हरियाणा सीमा पर कई जगहों पर किसानो और पुलिस के बीच जमकर झड़प हुईकिसानों की भीड़ तो तितर-बितर करने के लिए पुलिस को ड्रोन से आंसू गैस के गोले दागने पड़े

नई दिल्ली: किसान प्रदर्शन के कारण सीमावर्ति राज्य हरियाणा और पंजाब में हालात बेहद तनावपूर्ण बने हुए हैं। दिल्ली से सटे हरियाणा सीमा पर बीते बुधवार को कई जगहों पर किसानो और पुलिस के बीच जमकर झड़प हुई।

किसानों और पुलिस के बीच संघर्ष उस वक्त शुरू हुआ, जब हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी किसान हरियाणा से दिल्ली में प्रवेश करने के लिए प्रयासरत थे और इसी क्रम में उन्होंने पुलिस की लगाई सुरक्षा बैरिकेड को तोड़ने का प्रयास किया। जिसके कारण किसानों की भीड़ तो तितर-बितर करने के लिए पुलिस को ड्रोन से आंसू गैस के गोले दागने पड़े।

समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार हरियणा के अंबाला के पास स्थित शंभू सीमा और जिंद में खनौरी सीमा पर तैनात हरियाणा पुलिस के साथ झड़प में पंजाब के कई किसान घायल हो गए। प्रदर्शनकारी किसानों का दावा है कि पुलिस के बल प्रयोग में कम से कम 65 किसान घायल हुए हैं, हालांकि सुरक्षा बलों की ओर इस मामले में अभी कोई बयान नहीं आया है।

जानकारी के अनुसार सीम पर जब किसानों ने सुरक्षा बैरिकेड को तोड़ने का प्रयास किया तो पुलिस को मजबूरन हालात को काबू में करने के लिए आंसू गैस के गोले, पानी की बौछारों, रबर की गोलियों और लाठीचार्ज करके किसानों की भीड़ को खदेड़ना पड़ा।

इस संबंध में हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि पुलिस और सुरक्षाबल राज्य में शांति सुनिश्चित करने के लिए सरकार के प्रयासों का पालन कर रहे हैं। इसके साथ ही मंत्री विज ने प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के लिए पंजाब की भगवंत मान सरकार की जमकर आलोचना की।

गृह मंत्री अनिल विज ने अंबाला में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "अगर कोई हमारी पुलिस पर हमला करता है, तो हम उनके पीछे जाकर उन्हें क्यों नहीं पकड़ सकते? ये अराजकता है औऱ इसी किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"

उन्होंने पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार को घेरते हुए कहा, “जब किसानों के इन समूहों ने अमृतसर से मार्च किया तो पंजाब सरकार ने उन्हें रास्ते में कहीं भी रोकने का कोई प्रयास नहीं किया। इसका सीधा मतलब है कि वे दिल्ली में अराजकता फैलाना चाहते हैं।”

उन्होंने और 2021 में लाल किले पर हुए किसानों के विरोध प्रदर्शन का जिक्र करते हुए कहा, ''क्या वे दिल्ली जाकर फिर से लाल किले पर डांस करना चाहते हैं? ऐसा प्रतीत होता है कि उनका उद्देश्य कुछ और है।''

वहीं पंजाब सरकार ने हरियाणा सरकार के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार को किसानों द्वारा किये जा रहे "शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन" करने से रोकने का कोई अधिकार नहीं है।

भगवंत मान सरकार की ओर से कहा गया, "राष्ट्रीय राजमार्ग राष्ट्र की संपत्ति है और किसान दिल्ली पहुंचने के लिए हरियाणा के अधिकार क्षेत्र से गुजरने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हरियाणा सरकार द्वारा की जा रही बल की कार्रवाई "असंवैधानिक और अवैध" है।

मालूम हो कि किसान विरोध प्रदर्शन के कारण हरियाणा के 16 जिलों में अर्धसैनिक बलों की 64 कंपनियां और राज्य पुलिस की 50 कंपनियां तैनात की गई हैं। राज्य सरकार ने इन जिलों में आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया है और साक प्रमुख जिलों में मोबाइल इंटरनेट भी बंद कर दिया है।

हरियाणा के पुलिस उपमहानिरीक्षक शत्रुजीत कपूर के अनुसार शंभू सीमा और जिंद में खनौरी सीमा पर किसानों के उग्र प्रदर्शन में कम से कम 26 पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। उन्होंने कहा कि बीते मंगलवार को दोनों जगहों पर 110 किसान और 25 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।

अधिकारियों ने कहा कि शंभू सीमा पर पुलिस ने बल प्रयोग किया क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने दूसरे दिन भी अपना आंदोलन जारी रखा और बैरिकेड हटाने की कोशिश की। किसानों ने उनके करीब तैनात सुरक्षाकर्मियों पर पथराव भी किया।

एक बयान में अंबाला की डीसी शालीन ने कहा कि पुलिस ने किसानों के विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियों का इस्तेमाल किया।

वहीं किसानों ने कहा कि पुलिस कार्रवाई में कम से कम 25 प्रदर्शनकारी घायल हो गए, जिनका इलाज चल रहा है। किसानों ने कहा कि पुलिस ने उनके वाहनों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया है। प्रदर्शनकारियों में से एक को आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियों से खुद को बचाने के लिए शंभू सीमा पर सुरक्षा चश्मे के साथ सुरक्षात्मक गियर पहने देखा गया।

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