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पीएम मोदी ने की थी जिस किसान की तारीफ, सालों न्याय के लिए भटकने के बाद पिया जहर

By भाषा | Updated: August 7, 2019 10:48 IST

इन किसानों की जमीन राष्ट्रीय राजमार्ग को फोर लेन बनाने के लिए अधिग्रहित की गई है. अधिग्रहित जमीन का मुआवजा अन्य किसानों की तुलना में कम मिलने के कारण ये किसान सालों से सरकार से न्याय की गुहार लगा रहे हैं.

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ठळक मुद्देपीएम मोदी ने 2016 में 'मन की बात' कार्यक्रम में नोटबंदी के बाद 42 वर्षीय मुरलीधर राऊत के मानवीय कार्यों के लिए उनकी तारीफ की थी.जिस जगह राऊत का होटल था, वह जमीन राजमार्ग चौड़ा करने की परियोजना के लिए ले ली गई थी. 

सड़क परियोजना के लिए अधिगृहित भूमि का मुआवजा मिलने में देरी पर सोमवार को अकोला में जिन पांच किसानों ने खुदकुशी करने की कोशिश की, इनमें से एक किसान वह भी था जिसकी तीन साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सराहना की थी. 

पीएम मोदी ने 2016 में 'मन की बात' कार्यक्रम में नोटबंदी के बाद 42 वर्षीय मुरलीधर राऊत के मानवीय कार्यों के लिए उनकी तारीफ की थी. मोदी ने नोटबंदी के तुरंत बाद बालापुर तहसील में शेलाड गांव के निवासी राऊत के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा था कि वह नोटबंदी के बाद 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट के साथ आने वाले भूखे लोगों, खासकर मुसाफिरों को खाना खिलाते थे. 

मोदी ने कहा था कि नोटबंदी के तुरंत बाद जिनके पास नगदी नहीं होती थी तो राऊत उन्हें होटल में पहले खाना खाने और बाद में कभी उसी रास्ते से गुजरने पर पैसा चुका जाने को कहते थे. एक अधिकारी ने बताया कि जिस जगह राऊत का होटल था, वह जमीन राजमार्ग चौड़ा करने की परियोजना के लिए ले ली गई थी. 

मुरलीधर राऊत ने सोमवार की शाम चार अन्य किसानों मदन हिवरकार(32, कान्हेरी गवली), साजिद इकबाल शे. मोहम्मद (30, बालापुर), मो. अफजल गुलाम नबी(30, बालापुर) और अर्चना भारत टकले(30, बालापुर) के साथ अकोला के अतिरिक्त जिलाधिकारी के कार्यालय के सामने जहर पी लिया. 

इन किसानों की जमीन राष्ट्रीय राजमार्ग को फोर लेन बनाने के लिए अधिग्रहित की गई है. अधिग्रहित जमीन का मुआवजा अन्य किसानों की तुलना में कम मिलने के कारण ये किसान सालों से सरकार से न्याय की गुहार लगा रहे हैं. 29 जुलाई को ही इन किसानों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर आत्महत्या करने की चेतावनी दी थी.सोमवार को इन किसानों को सुनवाई के लिए अतिरिक्त जिलाधिकारी नरेंद्र लोणकर के कक्ष में बुलाया गया था. सुनवाई के दौरान लोणकर ने अतिरिक्त मुआवजा देने में असमर्थता दर्शाई. इसके तुरंत बाद पांच किसानों ने वहीं कीटनाशक गटक लिया. वहां मौजूद कर्मचारी इन किसानों को शीघ्र सर्वोपचार अस्पताल ले गए. उनका इलाज जारी है. किसानों की हालत चिंताजनक बताई जा रही है.

टॅग्स :अकोलाकिसान आत्महत्यानरेंद्र मोदीमन की बात
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