Fact Check:
Created By: BOOM
Translated By : लोकमत हिन्दी
Fact Check: देश ही नहीं दुनिया भर में सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो शेयर कर दिया जाता है, सभी के लिए चिंता की बात हो जाती है। हाल ही में उत्तर प्रदेश के संभल में मुगलकालीन जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान भड़की हिंसा को लेकर सभी को सचेत रहना चाहिए। झूठी अफवाह समाज से नफरत फैलाती है। संभल में रविवार को जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई थी। इस घटना में चार लोगों की मौत हो गयी और करीब 25 अन्य लोग घायल हो गए। पुलिस ने इस संबंध में सोमवार को 25 लोगों को गिरफ्तार किया था।
सोशल मीडिया पर लोगों की बेकाबू भीड़ पर पुलिस के लाठीचार्ज का एक वीडियो वायरल है। कई लोग इसे संभल हिंसा से जोड़ रहे हैं और सोशल मीडिया पर डाल रहे हैं। तथ्य जांच के बाद पाया गया है कि वीडियो दिसंबर 2019 का है। सीएए विरोधी आंदोलन के समय का है। गोरखपुर के नखास चौक पर प्रदर्शन कर रही भीड़ पर पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़े थे।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो बड़े पैमाने पर साझा किया जा रहा है, जिसमें पुलिस लोगों की भीड़ पर लाठीचार्ज करती दिखाई दे रही है। इस वीडियो को यूजर्स उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद के पास हुई हालिया हिंसा से जोड़कर साझा कर रहे हैं। पीटीआई फैक्ट चेक डेस्क की जांच में यह दावा फर्जी पाया गया है क्योंकि यह वीडियो दिसंबर 2019 का है।
उस समय पुलिस ने गोरखपुर में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों पर लाठीचार्ज किया था। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर वीडियो साझा करते हुए एक यूजर ने लिखा, “संभल में पुलिस ने आतंकियों पर लाठीचार्ज किया। ऐसा प्रतीत होता है कि आतंकियों को लगा होगा कि पुलिस सिर्फ फिल्मों में ही एक्शन करती है, पर यहां असल जिंदगी में 'धोबी पछाड़' दिखा दिया। अब कानून की इस 'लाठी' का असर समझ आयेगा।” कुछ अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को पुलिस की बर्बरता करार देते हुए साझा किया है।
दावे की पुष्टि के लिये पीटीआई फैक्ट चेक डेस्क ने वायरल वीडियो के ‘की-फ्रेम्स’ को 'रिवर्स सर्च' किया । इस दौरान हमें 'लाइव हिंदुस्तान' के यूट्यूब चैनल पर 20 दिसंबर 2019 को अपलोड की गई एक वीडियो रिपोर्ट मिली। वीडियो के विवरण में दी गई जानकारी के मुताबिक, नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में गोरखपुर के नखास चौक पर पथराव की घटना हुई थी।
जिसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे थे और भीड़ पर लाठीचार्ज भी किया था। इस घटना को मीडिया ने प्रमुखता से दिखाया था। वायरल वीडियो और न्यूज रिपोर्ट में दिखाए गए वीडियो में कई समानताएं हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह वीडियो संभल में हुई हालिया हिंसा का नहीं है।
पुष्टि के लिए डेस्क ने गूगल स्ट्रीट व्यू की मदद से मीडिया रिपोर्ट में बताई गई जगह को तलाश किया और पाया कि यह जगह गोरखपुर का नखास चौक है। हमारी अब तक की जांच से यह साफ है कि वायरल वीडियो दिसंबर 2019 में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में हुए सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान का है। इस वीडियो का संभल में हुई हालिया हिंसा से कोई संबंध नहीं है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा दावा फर्जी है। पूरी रिपोर्ट यहां पढ़ें : https://bit.ly/3OpPJf8 उत्तर प्रदेश के संभल की जामा मस्जिद में रविवार (24 नवंबर) को सर्वेक्षण के दौरान हिंसा हुई। मस्जिद के पास एकत्र हुई भारी भीड़ ने नारेबाजी की और सुरक्षाकर्मियों पर पथराव किया। वाहनों में आगजनी भी की। अधिकारियों के अनुसार चार लोगों की मौत हुई जबकि सुरक्षाकर्मियों समेत दर्जनों लोग घायल हुए।
रिजल्टः गलत
फैक्ट चेक को वेबसाइट BOOM ने प्रकाशित किया है।
इसका अनुवाद 'लोकमतन्यूज.इन' ने 'शक्ति कलेक्टिव' के हिस्से के रूप में किया है।