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एच1बी वीजा पर विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा-अमेरिका को भारत से प्रतिभा का प्रवाह रोकना नहीं चाहिए

By भाषा | Updated: December 20, 2019 13:09 IST

एच-1 बी वीजा गैर आव्रजक वीजा है जो अमेरिकी कंपनियों को खासतौर से तकनीकी विशेषज्ञता वाले पेशों में विदेशी कर्मियों को नौकरी देने की अनुमति देता है। आईटी कंपनियां इस आधार पर हर साल भारत और चीन जैसे देशों से हजारों कर्मियों को नौकरी देती हैं।

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ठळक मुद्देएच-1बी वीजा की महत्ता पर बल देते हुए कहा है कि अमेरिका को भारत से प्रतिभा का प्रवाह रोकना नहीं चाहिएजयशंकर ने कहा, ‘‘प्रतिभा का प्रवाह हमारे आर्थिक सहयोग का हिस्सा है।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने द्विपक्षीय संबंधों के लिए एच-1बी वीजा की महत्ता पर बल देते हुए कहा है कि अमेरिका को भारत से प्रतिभा का प्रवाह रोकना नहीं चाहिए क्योंकि यह आर्थिक सहयोग का महत्वपूर्ण हिस्सा है और दोनों देशों के बीच लगभग रणनीतिक पुल की तरह काम करता है।

एच-1 बी वीजा गैर आव्रजक वीजा है जो अमेरिकी कंपनियों को खासतौर से तकनीकी विशेषज्ञता वाले पेशों में विदेशी कर्मियों को नौकरी देने की अनुमति देता है। आईटी कंपनियां इस आधार पर हर साल भारत और चीन जैसे देशों से हजारों कर्मियों को नौकरी देती हैं।

जयशंकर ने दूसरी ‘टू प्लस टू’ वार्ता के समापन के एक दिन बाद बृहस्पतिवार को यहां भारतीय संवाददाताआं से कहा, ‘‘कुछ बैठकों में मैंने यह सुनिश्चित करने में एक तरह से अपने हित रेखांकित किए कि भारत से अमेरिका में प्रतिभा का प्रवाह रोका नहीं जाना चाहिए और किसी अनुचित विधायी प्रावधान से इसे बाधित नहीं किया जाना चाहिए। जब मैं व्हाइट हाउस में था तो भी यह मुद्दा उठा।’’ विदेश मंत्री ने अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ ब्रायन के साथ व्हाइट हाउस में वार्ता का जिक्र करते हुए यह बात कही।

उन्होंने एच1बी से जुड़े एक प्रश्न पर कहा, ‘‘मैं जो मुद्दा उठा रहा था, वह एक मायने में किसी विधेयक से बड़ा है। मैंने विधेयक का बस इसलिए जिक्र किया क्योंकि अभी कुछ विधायी कदम उठाए गए हैं। यह अलग बात है कि वे प्रासंगिक हैं या नहीं या सफल हैं या नहीं।’’

जयशंकर ने कहा, ‘‘प्रतिभा का प्रवाह हमारे आर्थिक सहयोग का हिस्सा है। यह एक तरह से हमारे बीच लगभग एक रणनीतिक पुल है, इसलिए मैं भारत-अमेरिका के संबंधों के लिए प्रतिभा के प्रवाह की महत्ता बढ़ा-चढ़ा कर नहीं बता रहा। मैंने यह बात रखी कि देखिए, यह आपके लिए महत्वपूर्ण है, यह हमारे लिए महत्वपूर्ण है। यह संबंधों के लिए महत्वपूर्ण है, इसलिए आइए यह सुनिश्चित करने के लिए काम करें कि यह खुला और जीवंत और सक्रिय रहे।’’

उल्लेखनीय है कि अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने बुधवार को वाशिंगटन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर की मेजबानी की थी। जयशंकर और सिंह बृहस्पतिवार को अमेरिका से रवाना हुए।

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