गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) काउंसिल की 32वीं बैठक गुरुवार (10 जनवरी) को आयोजित की गई है। इस बैठक का अगुआई वित्त मंत्री अरुण जेटली ने की। इस बैठक में छोटे कारोबारियों को राहत दी गई है। जीएसटी परिषद ने कंपोजिशन योजना का लाभ उठाने के लिये सालाना कारोबार सीमा को एक करोड़ से बढ़ाकर डेढ़ करोड़ रुपये किया, यह एक अप्रैल 2019 से प्रभावी होगा।
बताया गया है कि जीएसटी कम्पोजिशन योजना का लाभ लेने वाली कंपनियों को सिर्फ एक वार्षिक रिटर्न दाखिल करना होगी, जबकि कर भुगतान हर तिमाही में एक बार कर सकेंगे। जीएसटी से छूट के लिये सालाना कारोबार सीमा को बढ़ाकर 40 लाख रुपये किया गया, पूर्वोत्तर राज्यों के लिये यह सीमा 20 लाख रुपये की गयी।
वहीं, जीएसटी परिषद ने केरल को दो साल के लिए राज्य के भीतर बिक्री पर एक प्रतिशत का उपकर लगाने की अनुमति दी है। जीएसटी परिषद में रीयल एस्टेट और लॉटरी पर जीएसटी को लेकर मतभेद सामने आने के बाद इसपर विचार करने के लिये मंत्रियों का समूह बनाया गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा था इस बारे में फैसला करने का अधिकार उनके हाथ में नहीं है बल्कि जीएसटी परिषद के हाथ में है। सभी राज्य सरकारें इस परिषद की सदस्य हैं। उन सबको मिलकर इस बारे में निर्णय करना है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि आने वाले दिनों में जीएसटी परिषद जनता के पक्ष में इस बात का ध्यान रखेगी।(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)