Exclusive: जेपी नड्डा के बीजेपी का पूर्णकालिक अध्यक्ष बनने पर सस्पेंस कायम!
By हरीश गुप्ता | Published: January 3, 2020 09:24 AM2020-01-03T09:24:01+5:302020-01-03T09:24:01+5:30
नड्डा नहीं चाहते कि वह अपनी पारी की कमजोर शुरुआत करें. ऐसे में वह मध्य फरवरी में पदभार स्वीकारना चाहेंगे, जब बजट की प्रस्तुति के बाद संसद अवकाशकाल में रहेगी और परिणाम भी आ चुके होंगे.
भारतीय जनता पार्टी में जे.पी. नड्डा के पार्टी के पूर्णकालिक अध्यक्ष के तौर पर पदभार संभालने को लेकर अटकलों और असमंजस का रहस्यमय दौर कायम है. एक धड़े का मानना है कि नड्डा मकर संक्रांति को अध्यक्ष का पूर्णकालिक भार स्वीकार सकते हैं. दूसरे धड़े का कहना है कि राज्यों के संगठनात्मक चुनावों की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है. यह प्रक्रिया ही जनवरी में पूरी होगी. ऐसे में उसके बाद ही नड्डा को जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है.
उल्लेखनीय है कि नड्डा को पिछले साल जून में भाजपा का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. नड्डा की उस वक्त नियुक्ति पर कहा गया था कि भाजपा की 'एक व्यक्ति एक पद' की नीति के तहत केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भाजपा अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे देंगे. लेकिन नड्डा को पार्टी के संगठनात्मक ढांचे से अवगत कराने के लिए शाह अध्यक्ष पद पर कायम हैं.
पार्टी में यह आम राय थी कि शाह को पद पर रहते हुए महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड विधानसभा चुनावों की सीधी निगरानी करनी चाहिए. वहां चुनावी परिणाम धक्कादायक रहे और अब शाह दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले इस जिम्मेदारी से आजादी चाहते हैं. दिल्ली में चुनाव फरवरी के पहले सप्ताह में होने हैं. यह अभी स्पष्ट नहीं हैं कि शाह को अध्यक्ष के पदभार से मुक्ति कब मिलेगी. दिल्ली चुनाव के लिए पहले ही उन्होंने प्रकाश जावडेकर, हरदीप सिंह पुरी और नित्यानंद राय की तीन सदस्यीय समिति का गठन कर दिया है. दिल्ली चुनाव के लिए अधिसूचना कभी भी जारी हो सकती है.
शाह भले ही पद से मुक्ति चाहते हों, लेकिन नड्डा नहीं चाहते कि वह अपनी पारी की कमजोर शुरुआत करें. ऐसे में वह मध्य फरवरी में पदभार स्वीकारना चाहेंगे, जब बजट की प्रस्तुति के बाद संसद अवकाशकाल में रहेगी और परिणाम भी आ चुके होंगे.