ईयू संसद के ब्रिटिश सदस्य का दावा: भारत ने कश्मीर दौरे का न्यौता वापस लिया, पुलिस सुरक्षा के बिना लोगों से बात करने की थी मांग

By भाषा | Published: October 29, 2019 08:07 PM2019-10-29T20:07:38+5:302019-10-29T20:07:38+5:30

यूरोपीय संघ के 23 सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल दो दिनों के दौरे पर मंगलवार को श्रीनगर पहुंचा। उन्हें वहां की स्थिति के बारे में सरकारी अधिकारी जानकारी देंगे और वे स्थानीय लोगों से भी मिलेंगे।

EU parliament british member claims India withdraws invitation to visit Kashmir | ईयू संसद के ब्रिटिश सदस्य का दावा: भारत ने कश्मीर दौरे का न्यौता वापस लिया, पुलिस सुरक्षा के बिना लोगों से बात करने की थी मांग

कश्मीर में लोगों से मिलगे यूरोपीय सांसदों का दल (फोटो-एएनआई)

ब्रिटेन के एक वरिष्ठ नेता ने मंगलवार को दावा किया कि अभी कश्मीर के दौरे पर गये यूरोपीय संघ (ईयू) के एक प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनने के लिये उन्हें दिये गये न्यौते को भारत सरकार ने बहुत संक्षिप्त स्पष्टीकरण के साथ वापस ले लिया है। ब्रिटिश नेता का दावा है कि उन्होंने पुलिस सुरक्षा के बिना के स्थानीय लोगों से बात करने की मांग की थी।

यूरोपीय संघ के 23 सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल दो दिनों के दौरे पर मंगलवार को श्रीनगर पहुंचा। उन्हें वहां की स्थिति के बारे में सरकारी अधिकारी जानकारी देंगे और वे स्थानीय लोगों से भी मिलेंगे। अधिकारियों ने कहा कि इस दल में मुख्य रूप से 27 सांसद थे। इनमें से ज्यादातर धुर दक्षिणपंथी या दक्षिणपंथी दलों से हैं। लेकिन उनमें से चार कश्मीर के दौरे पर नहीं गये हैं और बताया जाता है कि वे अपने-अपने देश लौट गये।

यूरोपीय संसद के लिबरल डेमोक्रेट सदस्य क्रिस डेविस ने कहा कि भारत सरकार के फैसले से यह प्रदर्शित होता है कि वह 'अपनी कार्रवाई की वास्तविकता' छिपाने की कोशिश कर रही है और प्रेस की पूर्ण स्वतंत्रता को बाधित कर रही है। डेविस की 27 से 30 अक्टूबर के बीच के दौरे के लिये न्यौता को कथित तौर पर वापस ले लिया गया।

डेविस ने कहा, 'मैं मोदी सरकार के लिये प्रचार हथकंडे का हिस्सा बनने के लिये तथा सब कुछ ठीक-ठाक है, यह बताने के लिये तैयार नहीं हूं । यह बहुत स्पष्ट है कि लोकतांत्रिक सिद्धांतों को कश्मीर में तार-तार किया जा रहा है और विश्व को इसका संज्ञान लेना शुरू कर देना चाहिए।' 

गौरतलब है कि सोमवार को यूरोपीय संसद के सदस्यों ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की, जिस दौरान उन्होंने आशा जताई कि जम्मू कश्मीर सहित देश के विभिन्न हिस्सों की उनकी यात्रा सार्थक होगी। जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को भारत सरकार द्वारा समाप्त किये जाने के दो महीने बाद डेविस को भारतीय अधिकारियों ने जम्मू कश्मीर का दौरा करने का कथित न्यौता दिया था।

हालांकि, डेविस का दावा है कि बहुत संक्षिप्त स्पष्टीकरण के साथ न्यौता वापस ले लिया गया क्योंकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि उन्हें स्थानीय लोगों से बात करने की छूट मिले। उनके साथ पुलिस या सुरक्षा बल नहीं हो और बगैर पूछताछ किये पत्रकारों को बुलाया जाए।

उन्होंने कहा, 'भारत सरकार के पास छिपाने के लिये ऐसा क्या है? वह पत्रकारों और आगंतुक नेताओं को स्थानीय लोगों से बात करने की आजादी क्यों नहीं दे रही? मैं इंग्लैंड के उत्तर पश्चिम क्षेत्र के हजारों लोगों का प्रतिनिधित्व करता हूं, जिनके परिवार का कश्मीर से जुड़ाव है। वे चाहते हैं कि वे अपने रिश्तेदारों से मुक्त रूप से बात कर पाएं। वे चाहते हैं कि उनकी आवाज सुनी जाए। सरकार लोगों की स्वतंत्रता छीन कर और सैन्य शासन थोप कर उनके दिलो-दिमाग को नहीं जीत सकती।' 

सांसद के कार्यालय ने कहा कि डेविस भविष्य में किसी और समय क्षेत्र का दौरा करना चाहेंगे। उल्लेखनीय है कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से स्पष्ट रूप से कहा है कि अनुच्छेद 370 हटाना उसका आंतरिक विषय है।

Web Title: EU parliament british member claims India withdraws invitation to visit Kashmir

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