पणजी, 12 मार्च गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सांवत ने शुक्रवार को कहा कि नगर प्रशासन के राज्य निदेशक (डीएमए) आगामी नगर निकाय चुनाव के लिए वार्ड आरक्षित करने में हुई त्रृटियों को दूर करेंगे।
उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को बंबई उच्च न्यायालय के उस फैसले को बरकरार रखा जिसमें नगर निकाय के वार्ड को आरक्षित करने के संबंध में डीएमए के एक मार्च के आदेश को रद्द कर दिया गया था।
अदालत ने गोवा सरकार को पांच नगर परिषदों मरगाव, मोरमुगाव, मापुसा, संग्यूम और क्यूपेम के वार्डों को आरक्षित करने की प्रक्रिया दोबारा कराने का आदेश दिया है।
पीठ ने निर्देश दिया कि अन्य नगर पालिकाओं में राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पूर्व में तय कार्यक्रम के तहत चुनाव की प्रक्रिया जारी रहेगी।
राज्य में 20 मार्च को नगर निकायों के चुनाव होने हैं।
शीर्ष अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए सावंत ने कहा कि डीएमए वार्डों को आरक्षित करने में हुई त्रृटियों को दूर करेंगे।
उन्होंने कहा कि पांच नगर निकायों (उच्च न्यायालय के आदेश में उल्लेखित) में चुनाव स्थगित होंगे जबकि अन्य नगर निकायों में पूर्व के कार्यक्रम के तहत चुनाव होंगे।
सावंत ने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा शुक्रवार को दिए गए आदेश के अनुरूप पूर्णकालिक राज्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की जाएगी।
अदालत ने 20 अप्रैल तक राज्य में चुनाव प्रक्रिया पूरा करने को कहा है।
उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल करने वालों में से एक गोवा फॉरवर्ड पार्टी ने अदालत के आदेश के बाद मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की है।
गोवा फॉरवर्ड पार्टी के अध्यक्ष विजयी सरदेसाई ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले से राज्य सरकार की चुनाव प्रक्रिया में हेरफेर करने की मंशा का खुलासा हो गया है।
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