Election Exit Poll Result 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के सात चरणों में संपन्न हुए मतदान के बाद आज कई मीडिया संस्थानों के एग्जिट पोल नतीजे सामने आ रहे हैं। चुनाव के संभावित परिणामों की ओर इशारा करने वाले इन एक्जिट पोल से पता चल रहा कि महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के दूर होने और दूसरे खेमें में खड़े होने के बावजूद भाजपा का प्रदर्शन अन्य सभी दलों से उम्दा रहेगा।
समाचार वेबसाइट इंडिया टुडे के अनुसार उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों के बाद देश में दूसरे नंबर के राज्य महाराष्ट्र में कुल 48 सीटें हैं। इस लिहाज से केंद्र में सरकार बनाने के लिहाज से यह सूबा बेहद महत्वपूर्ण है। यहां की सभी 48 सीटों पर 5 चरणों में मतदान हुए थे। जिसमें पहले चरण में 5 सीटें, दूसरे चरण में 8 सीटें, तीसरे चरण में 11 सीटें, चौथे चरण में 11 सीटें और पांचवें चरण में 13 सीटों शामिल थीं।
महाराष्ट्र में लोकसभा का यह चुनाव इस मायने में भी दिलचस्प था कि उद्धव ठाकरे की शिवसेना और शरद पवार की एनसीपी में हुए दो-फाड़ के बाद सत्ता का यह संघर्ष उद्धव, शरद पवार, एकनाथ शिंदे, अजित पवार के साथ भाजपा और कांग्रेस की साख का सवाल था। महाराष्ट्र में सत्ता का संघर्ष सत्ताधारी महायुति और विपक्ष के महाविकास अघाड़ी के बीच था।
महाराष्ट्र में पहले फेज में 63.71 फीसदी वोटिंग हुई थी, जबकि दूसरे चरण में 62.71 फीसदी, तीसरे चरण में 63.55 फीसदी, चौथे चरण में 59.64 फीसदी और पांचवें चरण में 54.33 फीसदी वोटिंग हुई थी। इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल के अनुसार महाराष्ट्र में एनडीए को 46 फीसदी वोट शेयर मिल सकता है, वहीं इंडिया गठबंधन को 43 फीसदी वोट शेयर मिलने का अनुमान है। अगर बात 48 सीटों की बात करें तो यहां एनडीए को 28 से 32 और इंडिया ब्लॉक को 16 से 20 सीटें मिलने का अनुमान है।
महाराष्ट्र के एक्जिट पोल को थोड़ा और विस्तार से समझें तो बीजेपी को 20-22 सीटें, शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) को 8-10 सीटें, एनसीपी (अजित पवार गुट) को 1-2 सीटें, एनसीपी (शरद पवार गुट) को 3-5 सीटें, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) को 9-11 सीटें, जबकि कांग्रेस के खाते में 3-4 सीटें आ सकती हैं।
अगर साल 2019 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो उस समय एनडीए गठबंधन ने 48 में से 41 सीटें जीती थीं। जिसमें उद्धव ठाकरे की अविभाजित शिवसेना मजबूत धड़ा थी। वहीं यूपीए गठबंधन के खाते में महज 5 सीटें ही आई थीं। एआईएमआईएम और वीबीए गठबंधन को उस चुनाव में सिर्फ एक सीट मिली थी और एक सीट निर्दलीय के खाते में गई थी।